केजरीवाल को नसीहत
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नसीहत दी है कि उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और डॉक्टर द्वारा परामर्शित दवा की खुराक समय से लेते रहना चाहिए।
केजरीवाल को नसीहत |
केजरीवाल के गिरते वजन से चिंचित उपराज्यपाल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल जानबूझकर उन्हें दी जाने वाली चिकित्सकीय खुराक और दवाइयां नहीं ले रहे हैं।
उपराज्यपाल ने इस बाबत मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखा है, जिसमें केजरीवाल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे जेल अधीक्षक की रपट का हवाला दिया है। आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के जानबूझकर कम कैलॉरी लिए जाने के कई उदाहरण हैं, जबकि उन्हें घर का बना खाना पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है।
जेल अधिकारियों को सुझाव देते हुए उपराज्यपाल ने कहा है कि वे मुख्यमंत्री को निर्धारित आहार के अलावा दवा और इंसुलिन की तय खुराक लेने की सलाह दे सकते हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ‘टाइफ-2’ मधुमेह से पीड़ित हैं।
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी और उसकी अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जेल में बंद मुख्यमंत्री केजरीवाल के स्वास्थ्य को स्थायी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
दावा किया है कि आप प्रमुख का वजन कम हो गया है तथा उनके रक्त में शर्करा स्तर में गिरावट आई है। यह भी अंदेशा जताया है कि केजरीवाल कोमा में जा सकते हैं और उनके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंच सकता है। आप ने उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल को नसीहत देने वाले पत्र लिखे जाने पर निशाना साधा है।
पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा है, ‘यह कैसा मजाक है एलजी सर? क्या कोई व्यक्ति रात में अपना शुगर लेवल कम कर सकता है? जो बहुत खतरनाक है। एलजी सर, आपको बीमारी के बारे में नहीं पता है तो आपको ऐसा पत्र नहीं लिखना चाहिए।’
बहरहाल, महत्त्वपूर्ण यह बात है कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। चाहे आपके बीच कितने भी राजनीतिक मतभेद हों या भले ही आप कितने ही कड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी ही क्यों न हों। हम देख रहे हैं कि आप और भाजपा के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता कटुता की हद तक बढ़ चुकी है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कटुता के चलते स्वास्थ्य को दांव पर लगाना कतई विवेकपूर्ण नहीं।
Tweet |