यंग ब्रिगेड ने गाड़े झंडे
खेलों की दुनिया में पिछले दिनों भारतीय यंग ब्रिगेड का जलवा देखने को मिला। एक तरफ यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, सरफराज खान और ध्रुव जुरेल जैसे युवा क्रिकेटरों ने इंग्लैंड की बैजबॉल क्रिकेट का बाजा बजाकर भारत को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त दिला दी है।
यंग ब्रिगेड ने गाड़े झंडे |
वहीं दूसरी तरफ अनमोल परब, अश्मिता चालिहा, गायत्री गोपीचंद और त्रिशा जौली जैसी युवा शटलरों ने भारतीय महिला बैडमिंटन टीम को पहली बार बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप का खिताब दिला दिया। भारतीय टेस्ट क्रिकेट हो या बैडमिंटन दोनों ही खेलों में काफी समय से युवाओं के आगे आने का इंतजार किया जा रहा था।
पर अब लगता है कि इन दो सफलताओं से यंग ब्रिगेड ने साबित कर दिया है कि भविष्य की जिम्मेदारी उठाने में वह सक्षम हैं। क्रिकेट के दीवाने देश में काफी समय से क्रिकेट प्रेमियों को टेस्ट मैचों में सफलता के लिए विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणो और किसी हद तक केएल राहुल और श्रेयस अय्यर को देखने की आदत सी हो गई थी। इस कारण यह लगने लगा था कि बिना इन दिग्गजों के भारत का टेस्ट क्रिकेट में कोई भविष्य नहीं है।
भारतीय टीम पिछले कुछ समय से पुजारा और रहाणे से तो आगे बढ़ गई थी, पर बाकी टीम के स्तंभ बने हुए हैं, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले कोहली के निजी कारणों से सीरीज से हटने और फिर राहुल और अय्यर के चोटिल होने और भारत के पहला टेस्ट हारने से एक बार तो लगा कि टीम को लड़ने के लिए पुजारा को तो बुलाना ही पड़ेगा। पर तारीफ करनी होगी भारतीय टीम प्रबंधन की जिसने युवाओं पर भरोसा जताया।
इन युवाओं में यशस्वी जायसवाल ने तो लगातार दो टेस्ट मैचों में दोहरे शतक जमाकर क्रिकेट बिरादरी को अपने आने का ऐलान कर दिया है। इसी तरह सरफराज खान ने जिस तरह की रनों की भूख दिखाई, उससे वह भी लंबी रेस के घोड़े लगते हैं। ऋषभ पंत की कमी को काफी हद तक ध्रुव जुरेल ने पूरा कर दिया है। इसे देखते हुए टीम का भविष्य उज्जवल नजर आता है।
बैडमिंटन की एशियाई टीम चैंपियनशिप में 17 वर्षीय अनमोल और चालिहा ने शानदार प्रदर्शन से दिखा दिया कि आने वाला कल उनका है। इससे यह तो उम्मीद बंधती है कि इन दोनों खेलों में भारतीय भविष्य सबल हाथों में है।
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