यूपीएससी में आसानी
प्रशासनिक सेवाओं में चयन हर प्रतिभाशाली युवा का सपना होता है। इसके लिए वे सालोंसाल मेहनत करते हैं।
यूपीएससी में आसानी |
इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए प्रयासों की सीमा और उम्र निश्चित होती है। जो युवा इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाते हैं, वे बुरी तरह निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वे जीवन में कुछ कर ही नहीं सकते। इसका एक कारण तो इस परीक्षा की लंबी और थका देने वाली प्रक्रिया है। अब इस समस्या से राहत देने के लिए संसद की एक समिति ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवाओं में भर्ती की परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को छह माह के भीतर सम्पन्न कराने की सिफारिश की है। बेशक, यह एक प्रशंसनीय कदम है।
समिति का कहना है कि इस प्रक्रिया में अभी अभ्यर्थियों के जीवन का एक साल बर्बाद हो जाता है तथा उनके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। राज्य सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय से सम्बद्ध संसद की स्थायी समिति ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि अभी सिविल सेवा परीक्षा की अधिसूचना होने से अंतिम परिणाम घोषित होने तक लगभग 15 महीने का समय लग जाता है। समिति का विचार है कि भर्तियों संबंधी किसी भी प्रक्रिया की अवधि छह माह से अधिक लम्बी नहीं होनी चाहिए। सच बात है कि लम्बी और विस्तृत भर्ती प्रक्रिया से अभ्यर्थियों के युवा काल के कई बेशकीमती वर्ष व्यर्थ हो जाते हैं।
इसका उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है। उनके आने वाले भावी समय में भी यह नुकसान उन्हें बराबर सालता रहता है। यूपीएससी को भर्ती प्रकिया की गुणवत्ता से समझौता किए बिना इसको पूरा करने की अवधि में कमी लानी चाहिए। समिति को आयोग ने बताया है कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर-कुंजी भर्ती परीक्षा की प्रकिया समाप्त होने के बाद जारी की जाती है।
इसका अर्थ है कि अभ्यर्थी को परीक्षा के अगले चरण की ओर बढ़ने से पहले उत्तर-कुंजी को चुनौती देने का मौका नहीं मिलता। समिति ने सुझाव दिया है कि यूपीएससी को परीक्षा को और भी निष्पक्ष, पारदर्शी तथा अभ्यर्थियों के अनुकूल बनाने के लिए लोगों की राय लेनी चाहिए। इतना तो तय है कि यदि समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली गई तो यह लाखों प्रतिभाओं के साथ न्याय होगा। यदि वे सफल नहीं भी हो पाते हैं तो उनके पास कॅरियर चुनने का बेहतरीन विकल्प तो बचा रहेगा।
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