फिर डराने लगा कोरोना
देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने से चिंता और डर का माहौल है। केंद्र सरकार ने इस बाबत छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर सतर्कता नियमों पर तत्काल जोर देने के निर्देश दिए हैं।
फिर डराने लगा कोरोना |
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और गुजरात को इस संबंध में पत्र लिखा है। समझना आसान है कि मामले को हल्के में लेना मुसीबत को बुलाना होगा। इसलिए बिना वक्त गंवाए सरकार को इस दिशा में आगे बढ़ना होगा। यह भी चिंता की बात है कि जिन राज्यों को पत्र लिख कर सजग रहने को कहा गया है, उनमें से ज्यादातर राज्य दक्षिण के हैं। इससे पहले 2020 और 2021 में सबसे ज्यादा तेजी से संक्रमण इन्हीं राज्यों में हुए थे।
केरल में तो देश में सबसे पहले 2020 में कोरोनाग्रसित मरीज मिला था। साफ है कि लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। मामले जिस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, अगर इसकी रोकथाम के उपाय नहीं तलाशे गए तो स्थिति भयावह हो जाने की आशंका है। पहले भी हमने इस तरह की दिक्कतों को झेला है। इस नाते अब फिर से कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों की पहचान कर और उन्हें उपचारित करने की आवश्यकता है। कोरोना के दोनों डोज और बाद के प्रतिरोधी डोज का अब बेअसर होने लगा है, इसकी भी पड़ताल जरूरी है।
देश में चूंकि अभी एच3एन2 भारत इंफ्लुएंजा ने आम जन को जकड़ रखा है, और पिछले कुछ दिनों में एच3एन2 के चलते कुछ मरीजों की मौत के मामले भी सामने आए हैं। अब कोरोना ने भी एक बार फिर से सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। गुरु वार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोविड के 426 नये मरीज सामने आए हैं।
राज्यों के आंकड़ों के साथ ही भारत में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 4623 हो चुकी है। देश का पॉजिटिविटी रेट 0.61% है। वैसे तो केंद्र ने छह राज्यों को पत्र लिखा है, मगर समझदारी इसी में है कि केंद्र सरकार गाइडलाइंस जारी करे और सभी राज्य सरकारों से भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहे। कोरोना ने पहले भी हमें यह समझाया है कि दो गज की दूरी, मास्क का इस्तेमाल, सफाई का विशेष ध्यान रखने पर ही इस महामारी को हराया जा सकता है।
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