उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचूला क्षेत्र के एक गांव में भारी बारिश के दौरान तीन मकान ढहने से तीन बच्चों समेत चार व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और कई अन्य लापता हो गए।
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पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने यहां सोमवार को बताया कि जुम्मा गांव में रविवार देर रात हुई इस घटना में प्रभावित स्थल से तीन बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि लापता लोगों की तलाश जारी है।
इस बीच, बचाव और राहत कार्य के लिए सबसे पहले मौके पर पहुंचे सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट एमपी सिंह ने कहा कि गांव के एक अन्य हिस्से से एक और शव मिला है जिससे मरने वालों की संख्या चार हो गई है।
सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत और बचाव कार्य संचालित करने के लिए एक हैलीपैड और एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है तथा घायलों के इलाज के लिए एक चिकित्सकीय टीम भेजी गयी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि हादसे में मरने वालों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है क्योंकि प्रभावित गांव दूरस्थ क्षेत्र में एक पहाडी की चोटी पर स्थित है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हैलीकॉप्टर से गांव का हवाई सर्वेंक्षण किया है और पुलिस और राजस्व टीमों के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों को भी गांव में भेजा गया है जिससे वहां युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा सके।'
जिलाधिकारी ने जिला आपातकालीन केंद्र में अधिकारियों के साथ एक बैठक कर ग्रामीणों तक राहत सामग्री पहुंचाने के बारे में भी चर्चा की।
उधर, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जुम्मा गांव में भारी वर्षा से हुए नुकसान के बारे में कुमाऊं के आयुक्त सुशील कुमार एवं मौके पर मौजूद जिलाधिकारी चौहान से फोन पर जानकारी ली।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र से लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, उनके रहने, खाने के साथ ही दवाइयों एवं बच्चों के लिए दूध की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रभावित क्षेत्र में कोई न फंसे।
मुख्यमंत्री ने आयुक्त को प्रभावित क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को जल्द बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए।
धामी ने कहा कि मौसम साफ होते ही वह प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे।
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