उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
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सीमांत जिला पिथौरागढ़ में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन से मलबा गिरने से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 73 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं।
पिथौरागढ़ में अतिवृष्टि के चलते सरयू, काली और गोरी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को चेतावनी जारी कर दी है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-125 दिल्ली बैंड पर भूस्खलन के कारण मलबा गिरने से फिर बंद हो गया है।
चंपावत जिले के शारदा बैराज में जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर है। जिले में लोहाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग स्वाला-धौन, सिन्याड़ी एवं घाट के पास विभिन्न जगहों में मलबा गिरने से बंद है और राजमार्ग में पत्थर गिरने से खतरा बना हुआ है। जिले में अतिवृष्टि के कारण कुल 27 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं।
इसी प्रकार बागेश्वर जिले में अतिवृष्टि से जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां दो राजमार्ग समेत कुल 23 सड़कें मलबा आने से बंद हैं।
नैनीताल जिले में भी लगातार बारिश हाेने से लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं। पिछले तीन दिन से यहां लगातार बारिश हो रही है।
नैनीताल शहर में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश होने से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। जिले में शनवार सुबह तक औसतन 71.8 मीटर वर्षा रिकार्ड की गयी है। यहां भी पांच राजमार्ग समेत 16 सड़कें बंद पड़ेहैं। गौला बैराज में जलस्तर बढ़ने से अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अल्मोड़ा जिले में बारिश का असर सबसे कम है। यहां अधिकतम 20 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी। नदियों का जलस्तर सामान्य है।
अल्मोड़ा-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल सात मार्ग बंद पड़े हुए हैं। उधमसिंह नगर में नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे हैं।
बौर, हरिपुरा, बैगुल, नानक सागर एवं तुमड़िया जलाशयों में जलस्तर सामान्य बना हुआ है। कुमाऊं मंडल में फिलहाल जनहानि की कोई सूचना नहीं है।
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