उत्तराखंड: मलबे से 25 लोगों को सुरक्षित निकाला, 26 शव बरामद
नंदादेवी वायोस्फियर क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में अभी तक 25 लोगों को सकुशल निकाल दिया गया है तो 26 शव भी बरामद कर दिये गए हैं। इसके बावजूद अब भी 197 लोग लापता चल रहे हैं।
चमोली : तपोवन पनबिजली परियोजना के पास जारी राहत कार्य। |
जिला आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार को काफी मशक्कत के बावजूद 25 लोगों को सुरक्षित निकाल दिया गया। इसके साथ ही 26 लोगों के शव बरामद हो गये हैं। अन्य लोगों को ढूंढने के प्रयास भी तेजी से चल रहे हैं। अब भी टनल में फंसे लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। रेस्क्यू में जुटी टीमों को जान हथेली पर रखकर काम करना पड़ रहा है। इस बीच 26 लोगों के शव भी मिल गए हैं। शवों में अधिकांश की पहचान नहीं हो रही है। इसके लिए प्रयास जारी हैं।
रविवार को आई आपदा में ऋ षि गंगा पर 13 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट तथा धौलीगंगा पर 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। आपदा के सैलाव से परियोजना में काम रहे लोग लापता हो गए। इनकी संख्या 197 बताई जा रही है। अब भी कई और लोगों के लापता होने की आशंका है।
प्रत्यक्षदर्शियों का अनुमान है कि लापता लोगों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। राहत व बचाव कार्य के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा स्थानीय पुलिस काम में जुटी हुई हैं। हालांकि तबाही के कारणों का पता विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा। राहत व बचाव कार्य में मौसम बाधा डाल सकता है। चमोली जिले की सरकारी मशीनरी अब भी पूरी तरह अलर्ट पर रह कर काम कर रही है।
इसके बावजूद बीआरओ, बैली ब्रिज बनाने के प्रयासों में जुट गई है। उधर केंद्रीय ऊ र्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने भी सोमवार को एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी आपदा में मारे गए मजदूरों के आश्रितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देगा।
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