Mahakumbh 2025 : अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के साथ महाकुंभ संपन्न, स्नानार्थियों की संख्या 66 करोड़ के पार

Last Updated 27 Feb 2025 07:00:52 AM IST

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में 45 दिनों तक विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक एवं आध्यात्मिक समागम-महाकुंभ 2025, बुधवार को अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के साथ संपन्न हो गया।


13 जनवरी से प्रारंभ हुए इस मेले में देश विदेश से 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई।

शाम छह बजे तक 1.44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा और संगम में डुबकी

मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को शाम छह बजे तक 1.44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई तथा 13 जनवरी से अब तक स्नान करने वालों की संख्या 66.21 करोड़ पहुंच गई है। 

श्रद्धालुओं की यह संख्या चीन और भारत को छोड़कर अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों समेत सभी देशों की आबादी से अधिक है। साथ ही यह मक्का और वेटिकन सिटी जाने वाले श्रद्धालुओं से भी अधिक है।

महाकुंभ अपनी स्वच्छता को लेकर भी चर्चा में रहा जिसमें स्वच्छता कर्मियों की अहम भूमिका रही। महाकुंभ मेले में स्वच्छता प्रभारी डाक्टर आनंद सिंह ने बताया कि पूरे मेले में 15,000 स्वच्छताकर्मी चौबीसों घंटे ड्यूटी पर तैनात रहे। कई पालियों में उन्होंने साफ सफाई की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और मेले में शौचालयों और घाटों को पूरी तरह से साफ रखा। सभी ने उनके कार्यों की सराहना की।

महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या को हुई भगदड़ की घटना से इसकी छवि थोड़ी धूमिल हुई, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर इस घटना का कोई खास असर नहीं पड़ा और लोगों का आगमन अनवरत जारी रहा। भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी।

महाकुंभ मेले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, फिल्मी सितारों और खेल जगत, उद्योग जगत की हस्तियों तक ने संगम में डुबकी लगाई और प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की।

इस महाकुंभ में नदियों के संगम के साथ ही प्राचीनता और आधुनिकता का भी संगम देखने को मिला जिसमें एआई से युक्त कैमरों, एंटी ड्रोन जैसी कई अत्याधुनिक पण्रालियों का उपयोग किया गया और मेला पुलिस को इन पण्रालियों का प्रशिक्षण दिया गया।

हालांकि, यह मेला कई विवादों को लेकर भी चर्चा में रहा जैसे फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का महामंडलेर बनना और उनको लेकर विवाद खड़ा होना। इसके अलावा, गंगा जल की शुद्धता को लेकर राष्ट्रीय प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (एनपीसीबी) की रिपोर्ट और फिर उस पर सरकार के हवाले से कई वैज्ञानिकों द्वारा गंगा जल की शुद्धता की पुष्टि करना भी चर्चा में रहा।

हिंदुओं की मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विशेष संयोग से कुंभ और महाकुंभ में गंगा और संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के प्रमुख चिदानंद सरस्वती ने बताया, मेरे लिए महाकुंभ तब संपन्न होगा जब अंतिम श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा लेगा। आप कह सकते हैं कि बृहस्पतिवार को ब्रrा मुहूर्त शुरू होने के साथ मेला समाप्त होगा।

इस मेले के लिए एक नया जिला-महाकुंभ नगर अधिसूचित किया गया और मेला संचालन के लिए जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस और प्रशासन की नियुक्ति की गई। महाकुंभ मेले में सभी 13 अखाड़ों ने तीन प्रमुख पवरें- मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर अमृत स्नान किया।

हालांकि, मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ों का अमृत स्नान अधर में लटक गया था, लेकिन अंतत: अखाड़ों के साधु संतों ने अमृत स्नान किया और बसंत पंचमी स्नान के साथ वे मेला से विदा हो गए।

समयलाइव डेस्क
महाकुंभ नगर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment