उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार सुबह जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वेक्षण के कारण स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। पथराव में लगभग 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
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मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कोर्ट के आदेश पर रविवार को सुबह सात बजे से सुबह 11 बजे तक जामा मस्जिद का सर्वे होने था। कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में सर्वे की टीम यहां आई थी। टीम के साथ पर्याप्त सुरक्षा बल भी था। डीएम और पुलिस अधीक्षक भी साथ थे।
टीम सर्वे करने जामा मस्जिद पहुंची। शुरुआत में सब कुछ ठीक था। लगभग दो घंटे सर्वे हुआ। उसी दौरान वहां पर भीड़ जमा हो गई। शुरुआत में लोग नारे लगाने लगे। थोड़ी देर बाद वहां पर पथराव शुरू हो गया। हालांकि, भीड़ मस्जिद परिसर तक नहीं जा पाई। पुलिस ने भीड़ को दूर किया।
11 बजे के बाद जब टीम सर्वे करने के बाद निकली तो लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया। तीन ग्रुप थे, जो तीन तरफ से लगातार पथराव कर रहे थे। टीम को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे।
इस बीच उनके एक ग्रुप ने वाहनों में आग लगाना शुरू कर दिया। उन लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया। तीन ग्रुप तीन तरफ से थे। इस बीच किसी ग्रुप ने फायरिंग की। पुलिस अधीक्षक के पीआरओ के पैर में गोली लगी है, एक डिप्टी कलेक्टर का पैर फैक्चर हो गया है। सीओ के भी छर्रे लगे हैं। पुलिस के लगभग 20 जवान घायल हुए हैं। एक कांस्टेबल के सिर में गंभीर चोट आई है।
इस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की पहचान नईम, बिलाल और नोमान के रूप में हुई है। इनके पोस्टमार्टम की तैयारी की जा रही है। इस समय स्थिति कंट्रोल में है। अभी तक 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों से पूछताछ की जा रही है। निश्चित रूप से ये उकसावे की कार्रवाई है। किसी के उकसावे में आकर पथराव किया गया है।
कोर्ट के आदेश पर सर्वे का काम हो रहा है। सर्वे का काम शांति से चल रहा था, अभी तक कोई दिक्कत नहीं आई थी। सभी लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की जा रही है।
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