समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसकी निरंकुश सरकार की तानी हुई बंदूक़ भी पीडीए के लोगों का हौसला न तोड़ सकी।
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सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि उप्र में नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव ‘पीडीए’ की एकजुटता, मान-सम्मान और अधिकारों को नकारनेवाली प्रभुत्ववादी भाजपा के ख़िलाफ़ प्रदेश की 90 फीसद आबादी के चुनाव थे। नकारात्मक भाजपा और उसकी निरंकुश सरकार की तानी हुई बंदूक़ भी पीडीए के लोगों का हैसला न तोड़ सकी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उप्र के सभी मतदाता व उम्मीदवार, समस्त पीडीए समाज, इंडिया गठबंधन और समाजवादी पार्टी के बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और नेताओं के साथ ही वे सभी पत्रकार और न्यूज़ पोर्टल भी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने साहसी व सकारात्मक पत्रकारिता का उदाहरण पेश करते हुए, लोकतंत्र के सच्चे चौथे स्तंभ के रूप में अपनी सार्थक भूमिका निभाई। सत्य के साथ अपनी आवाज़ मिलाने के लिए सभी ‘ईमानदार और सच्चे’ अधिकारियों और मीडियाकर्मियों को भी बधाई और दिल से शुक्रिया।
सपा मुखिया ने कहा कि इसके अतिरिक्त वो सभी, जिन्होंने मंच के नीचे से लेकर पीछे तक, भोजन से लेकर परिवहन तक, पार्टी का झंडा उठाने से लेकर लहराने तक, पर्चियों से लेकर बस्ते बनाने तक, कुर्सियां लगाने से लेकर दरी बिछाने तक, होर्डिंग से लेकर पोस्टर-स्टीकर और नारे लगाने तक, गांव-गांव तक पीडीए का संदेश पहुंचाने तक, जन-जन को वोट देने के लिए जगाने तक व अन्य किसी भी रूप में काम किया, उन सबको मन से धन्यवाद।
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा की लाख कोशिशों के बावजूद इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति नैतिक रूप से सभी 9 सीटों पर चुनाव जीत चुकी है। अब आप सबसे आग्रह है कि अपने वोट की रक्षा करें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही थोड़ा विश्राम करें और फिर जनसेवा के लिए निकल पड़े। शुभकामनाएं।
इसके पहले उन्होंने एक अन्य पोस्ट कहा कि बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी ‘सरकार’ ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए। ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को ख़त्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा से कहते रहे हैं, आज फिर दोहरा रहे हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि आउटसोर्सिंग पीडीए के ख़िलाफ़ एक आर्थिक साज़िश है। भाजपा इस प्रस्ताव को तत्काल वापस करे और नौकरी-आरक्षण का सांविधानिक हक़ न छीने। घोर आपत्तिजनक, घोर निंदनीय। पीडीए कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।
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