Gangster Sunder bhati: वेस्ट यूपी का का कुख्यात गुंडा सुंदर भाटी, तीन दशकों तक बना रहा खौफ और आतंक का साया
पश्चिम उत्तर प्रदेश के टॉप लिस्ट में शामिल सुंदर भाटी एक ऐसा नाम है, जिसका खौफ यूपी ही नही बल्कि दिल्ली-एनसीआर में 15 साल से बना हुआ है। साथ ही साथ आतंक का पर्याय रहा सुंदर भाटी दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस के लिए बहुत बड़ी परेशानी बना रहा।
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सुंदर भाटी गिरोह के सदस्यों का काम रंगदारी वसूलना, सुपारी लेकर हत्या करना, स्क्रैप के ठेके हथियाना, सरिया चोरी करवाना था।
साल 2017 में यूपी में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद माफिया, गुंडों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते पहली बार सुंदर भाटी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर ADG आलोक सिंह के नेतृत्व में पहली बार आतंक का ख़ौफ बनाए रखने वाले सुंदर भाटी को उम्र कैद की सजा ही नही सुनाई गई, बल्कि बदमाशों की आर्थिक सहायता करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाई की गई।
वहीं बात करें इस कुख्यात सुंदर भाटी के अपराधिक इतिहास की तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं दिल्ली-एनसीआर में लगभग 60 से भी ज्यादा लूट, डकैती, मर्डर, अपहरण और एक्सटॉर्शन मनी सहित संगीन अपराध शामिल है।
वही कहा जाता है कि कई पिछली सरकारों में राजनीतिक संरक्षण के साथ-साथ अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त था, यही वजह थी की सुंदर भाटी का आतंक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदस्तूर रहा।
सुंदर भाटी अपराध की दुनिया में कैसे बना बड़ा नाम
ग्रेटर नोएडा के घंघोला निवासी सुंदर भाटी एक अन्य बदमाश नरेश भाटी का साथी था। कहा जाता है कि अपराध की दुनिया में दोस्ती और दुश्मनी जान देकर निभाई जाती है।
दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस के लिए परेशानी का सबब रहे अपराधी सुंदर भाटी और नरेश भाटी ऐसे ही दो नाम थे, जिनकी दोस्ती के किस्से तीनों राज्यों में मशहूर थे। दोनों दोस्त एक-दूसरे पर जान छिड़कते थे लेकिन कुछ समय बाद दोनों में दुश्मनी हो गई। सुंदर भाटी और नरेश भाटी की दोस्ती सतबीर गुर्जर के गैंग में हुई थी।
बता दें कि 1990 में ग्रेटर नोएडा के गांव रिठोरी का रहने वाला नरेश भाटी पढ़े-लिखे परिवार से था। प्रॉपर्टी विवाद में परिवार वालों की मौत का बदला लेने के लिए नरेश क्राइम की दुनिया में उतर गया।
दरअसल, सुंदर भाटी सिकंदराबाद में ट्रक यूनियन पर कब्जा करना चाहता था जबकि नरेश भाटी भी ऐसी ही इच्छा रखता था। इसके अलावा दोनों की जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर भी थी। वो बुलंदशहर जिला पंचायत अध्यक्ष बना।
इसके बाद सुंदर और नरेश में गैंगवार शुरू हो गई। फिर दोनों विधानसभा चुनाव में आमने-सामने आ गए लेकिन हार गए।
मगर उसी दौरान उसका मर्डर हुआ और आरोप सुंदर भाटी पर लगा। हालांकि इस केस में गवाह और सुबूत नहीं मिलने की वजह सुंदर भाटी और उसके साथी उस केस में बरी हो गए थे।
अब तक सुंदर भाटी का भी अपना गैंग बन चुका था। इसमें गांव के नए युवा ज्यादा आने लगे।
उस पर दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत कई राज्यों में मर्डर, लूट, रंगदारी समेत कई मामले दर्ज हैं।
यूपी पुलिस ने काफी मेहनत के बाद 2014 में उसको गिरफ्तार कर लिया था। वह अपने गांव घंघोला में परिवार वालों से मिलने आया था। लेकिन उसका एक साथी 50 हजार रुपये का इनामी सिंगराज भाटी पुलिस को चकमा देते हुए फरार हो गया, तभी से सुंदर भाटी जेल में है।
सुंदर भाटी पर राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगते रहे हैं। फिलहाल माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते सुंदर भाटी उम्र कैद की सजा काट रहा है। इसके बावजूद उसका खौफ गौतमबुद्ध नगर के जिलों के आसपास भी देखा जा सकता है।
कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी का चेला था अनिल दुजाना
कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना एक वक्त में गौतमबुद्ध नगर के माफिया सुंदर भाटी का चेला था। फिर धीरे-धीरे परिस्थितियां बदलीं और वह वक्त आया जब दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए।
दादरी के पास स्थित गांव दुजाना के नाम का सिक्का पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चलता है। दुजाना गांव के लोग किसी से झगड़ा होने पर बस गांव का नाम ही लेते हैं। इसकी एक वजह अनिल दुजाना भी है।
जून 2016 में हुए जिला पंचायत चुनाव में अनिल दुजाना भी मैदान में खड़ा हुआ था। पुलिस ने उसके घर से हथियारों का जखीरा भी बरामद किया था। उसके खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके सामने खड़े निर्दलीय प्रत्याशी संग्राम सिंह को बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर प्रचार करना पड़ता था।
इतना ही नहीं उनको मंत्री से भी ज्यादा सुरक्षा मिली हुई थी। हालांकि, दुजाना जेल में रहते हुए चुनाव जीत गया था पर चुनाव रद्द कर दिए गए थे।
अनिल दुजाना गैंग के पास तो एके-47 भी मिल चुकी है।
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