अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में जीवंत हुआ सतरंगी भारत

Last Updated 19 Aug 2021 06:55:23 PM IST

अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खेलों के प्रति हार्दिक लगाव का साक्षी बना।


उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

टोक्यो ओलंपिक में देश का मान बढ़ाने वालों का अभूतपूर्व सम्मान कर मुख्यमंत्री ने लखनऊ के इस स्टेडियम में समूचे भारत के खेल व खिलाड़ियों का जीवंत अक्स उकेर दिया। इसमें किसी की दो राय नहीं थी कि ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया तो उनके सम्मान में यूपी में आयोजित यह समारोह भी ऐतिहासिक और बेमिसाल रहा। जेवलिन थ्रो के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष से लेकर सभी ओलंपियन ने एक स्वर से कहा कि अन्य प्रदेशों के खिलाड़ियों पर भी इतना सम्मान, प्यार-दुलार लुटाने वाला यूपी पहला राज्य है। सभी ने मुक्त कंठ से इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया। इस भव्य समारोह के जो लोग भी साक्षी बने, उत्साह से बोल पड़े, यह है बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर।

खिलाड़ियों का यह कुंभ इसलिए भी अभूतपूर्व था कि इसमें खेल भावना के साथ देश भावना का संगम नजर आ रहा था। इसमें ओलंपिक दल में शामिल न केवल उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी आमंत्रित थे, बल्कि समूचे देश का मान बढ़ाने वाले अन्य राज्यों के खिलाड़ी भी ससम्मान बुलाए गए थे। योगी सरकार ने दिल खोलकर इन खिलाड़ियों पर धनवर्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'खेलो इंडिया खेलो' नारे की मंशा के अनुरूप इस भव्य आयोजन के जरिए मुख्यमंत्री ने खेलों के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। हर खिलाड़ी के लिए खुद भी जोरदार तालियां बजाईं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी का दावा है कि यूपी सरकार खिलाड़ियों के लिए वह सब कुछ करेगी जो उनके लिए जरूरी है।



मुख्यमंत्री योगी ने टोक्यो ओलंपिक में गए यूपी के खिलाड़ियों का उनके रवाना होने से पहले भी उत्साहवर्धन किया था। यूपी के सभी दस खिलाड़ियों से संवाद कर उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामना दी थी। खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए खिलाड़ियों से सुझाव भी मांगा था। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया था कि उत्तर प्रदेश में एशियन खेल, राष्ट्रमंडल खेल और ओलंपिक जैसी प्रतिस्पर्धाओं की तैयारी के लिए खिलाड़ियों को जो भी सुविधाएं चाहिए, वह दी जाएंगी।

यूपी में खेलों को बढ़ावा देने के लिए पहली बार जमीनी प्रयास मुख्यमंत्री योगी के कार्यकाल में ही शुरू हुआ। गांव-गांव ओपन जिम और मिनी स्टेडियम बन रहे हैं। खेल छात्रावासों में रहने वाले खिलाड़ियों का आहार भत्ता बढ़ाया गया। मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। यही नहीं, सीएम योगी ने ओलंपिक में एकल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले यूपी के खिलाड़ियों को छह करोड़, रजत पदक जीतने वाले को चार करोड़ और कांस्य पदक विजेता को दो करोड़ रुपये देने की घोषणा की। टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वालों को तीन करोड़, रजत पदक जीतने वालों को दो करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपये देने के साथ ही ओलंपिक प्रतिभागी यूपी के खिलाड़ियों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया।

खेल व खिलाड़ियों से मुख्यमंत्री योगी का बेहद आत्मिक लगाव रहा है। गोरखनाथ मंदिर, जहां के वह पीठाधीश्वर हैं, में नाग पंचमी के अवसर पर दशकों से कुश्ती व तैराकी की प्रतियोगिता होती रही है। इसमें योगी आदित्यनाथ खुद अपने हाथों विजेताओं व प्रतिभागियोंको सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन करते रहे हैं। कोरोनाकाल में खेलों का आयोजन संभव नहीं हुआ तो इस साल उन्होंने समारोह आयोजित कराकर 75 खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खेल व खिलाड़ियों के प्रति प्रेमभाव के सभी मुरीद हो गए। कार्यक्रम में सीएम योगी की व्यस्तता को देखते हुए 75 में से 20 खिलाड़ियों को उनके हाथों सम्मानित करने की रूपरेखा बनाई गई थी। ऐसा हुआ भी। इसके बाद जब संचालक ने सीएम से संबोधन के लिए अनुरोध किया तो उन्होंने अपनी बात रखने से पहले बाकी 55 खिलाड़ियों को भी मंच पर बुलाने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने खुद मंच पर बुलवाकर खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी ओलंपियन प्रेममाया, रंजना श्रीवास्तव व प्रीति दुबे के हाथों सम्मानित कराया। इस दौरान खिलाड़ियों को खुद शाबासी देकर और ताली बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। अपने संसदीय कार्यकाल में भी जिला स्तरीय के खेलों से जुड़े संघों को सक्रिय करने का श्रेय भी योगी को ही है।

आईएएनएस
लखनऊ


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