यूपी: जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आज मतदान, भाजपा के सामने सपा का दबदबा खत्म करने की चुनौती
उत्तर प्रदेश के 53 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष का बहुप्रतिक्षित चुनाव आज होगा। प्रदेश के 75 जिलों में से 22 में निर्विरोध चुनाव होने के बाद अब बचे 53 जिलों में जिला पंचायत सदस्य अपने जिले का अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान करेंगे।
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राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 53 जिलों में तीन जुलाई को 11 बजे पूर्वाह्न से तीन बजे अपराह्न तक मतदान होगा तथा तीन बजे के बाद मतगणना प्रारंभ होगी।
जानकारी के अनुसार राज्य के चंदौली, हापुड़, सुलतानपुर, मिर्जापुर, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बिजनौर, हमीरपुर, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, उन्नाव, हरदोई, कुशीनगर, मैनपुरी, प्रतापगढ़, कन्नौज, जालौन, महराजगंज, संतकबीरनगर, लखीमपुर, बदायूं, प्रयागराज,, अमेठी, भदोही, बाराबंकी, फर्रुखाबाद, संभल, बस्ती, फतेहपुर, शामली, अलीगढ़, जौनपुर, कासगंज, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, एटा, अयोध्या, रामपुर, सीतापुर, औरैया, महोबा, फतेहपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, अंबेडकरनगर, बरेली, कौशांबी, हाथरस, देवरिया और लखनऊ में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान होगा।
इसके पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये हैं जिनमें इटावा जिले को छोड़कर 21 निर्वाचित अध्यक्ष सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं. इटावा में समाजवादी पार्टी को जीत मिली है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया था कि प्रदेश के 22 जिलों-सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य के बाकी 53 जिलों में आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी दिन अपराह्न तीन बजे से मतगणना शुरू होगी।
इस बीच बलिया से मिली खबर के अनुसार वहां जिला पंचायत अध्यक्ष पद के हो रहे चुनाव में भाजपा की सुप्रिया चौधरी व सपा के आनंद चौधरी के मध्य सीधा मुकाबला होने से चुनाव रोचक हो गया है। इस दौरान खेल राज्य मंत्री उपेंद्र तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में समाजवादी पार्टी पर जिला पंचायत के तकरीबन 25 सदस्यों के अपहरण का आरोप लगाया है जबकि संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने कहा है कि सपा का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है, इसलिए सपा चुनाव जीतने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर की अगुवाई में बृहस्पतिवार को भाजपा के विधायक व पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा से मुलाकात की तथा जिला प्रशासन से सपा नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। भाजपा सांसद नीरज शेखर ने सपा पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया है। उधर अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे अंबिका चौधरी ने भाजपा नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि सत्तारूढ़ दल जिला प्रशासन के जरिये जिला पंचायत सदस्यों के परिजनों को परेशान कर रहा है।
पंचायत चुनाव में भाजपा के सामने सपा का दबदबा खत्म करने की चुनौती
राज्य में डेढ़ दशक बाद पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई भाजपा ने करीब दो वर्ष तक पंचायत चुनाव की तैयारी की। ऐसे में उसके सामने सपा का पिछला रिकार्ड तोड़ने की चुनौती है। उधर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी अपना दबदबा कायम रखने की भरपूर कोशिश में है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पंचायत चुनाव होने के कारण जिला पंचायत सदस्य चुनाव में तो भाजपा को खास सफलता नहीं मिली। लेकिन पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसकी भरपाई की रणनीति बनाई। पार्टी ने हालांकि घोषित तौर पर कोई लक्ष्य नहीं रखा है, लेकिन सरकार व संगठन की कोर कमेटी की बैठक में सपा के 63 सीटों के रिकार्ड को तोड़ने का मन बनाते हुए सरकार व संगठन जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जुटे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे पंचायत चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में सत्ताधारी दल भाजपा और सपा दोंनों की जोर आजमाइश जारी है। पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन की आग के बीच हुए चुनाव में दोनों पार्टियों का दम खम देखा जाना है। इस बीच भाजपा के सारे बड़े नेताओं का फोकस पंचायत चुनाव ही रहा है। इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने हर जिलों में कई कई बार मंथन किया है।
भाजपा जुलाई के मध्य से विधानसभा चुनाव के मैदान में कूदने जा रही है, उससे पहले पार्टी गांवों की सरकार में अपना कब्जा जमाकर माहौल बनाना चाहती है। पार्टी ने सपा का रिकार्ड तोड़ने के लिए पूरी ताकत लगाई है। प्रभारी मंत्रियों के साथ पार्टी की ओर से नियुक्त प्रभारी पदाधिकारियों को जिलों में तैनात कर दिया है। प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के खेमे में शामिल सदस्यों को तोड़ने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
उधर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पंचायत चुनाव की कमान अपने हांथों में ले रखी है। करीब 40 सीटों से अधिक सीटों पर भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। अपने कई प्रत्याशियों के दूसरे पाले में चले जाने के बावजूद सपा इस जंग में पीछे नहीं रहना चाहती है। अब बाकी जगह वह मजबूती से टक्कर देने में जुटी है।
अखिलेश खुद चुनाव वाले जिलों के प्रत्याशियों व पदाधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं। पार्टी के जीते पंचायत सदस्यों को समझा कर एकजुट रहने का संदेश दिया जा रहा है। साथ ही किसी प्रभाव में आने देने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। विपक्ष में रहते हुए सबसे ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीतने को सपा अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष भी उसी अनुपात में जिताने का भरसक प्रयास हो रहा है।
राज्य के 75 में से 53 जिलों पर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव शनिवार को होंगे। मतदान 11 से 3 बजे तक होगा। इसके तुरंत बाद मतगणना होगी। प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 22 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध जीते हैं। इटावा में सपा और बाकी 21 भाजपा में अपना दावा ठोक रही है।
शनिवार को होने वाले मतदान में सबसे कांटे की टक्कर जौनपुर जिले में है। जौनपुर में अब भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस के उम्मीदवार और इसके अलावा तीन अन्य उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मैदान में उतरे हैं। जिसमें पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला भी उम्मीदवार हैं।
सपा सांसद आजम खां के गढ़ रामपुर में 34 सदस्यों वाली जिला पंचायत में अध्यक्ष पद पर भाजपा के ख्याली राम लोधी और सपा की नसरीन जहां के बीच मुकाबला कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। सपा के पास 11, भाजपा के पास 7, निर्दलीय 11, कांग्रेस-2, बसपा-2, और 1 संयुक्त किसान मोर्चा है, जबकि जिला पंचायत में बहुमत के लिए 18 सदस्यों का आंकड़ा चाहिए। इसके साथ ही वार्ड चार से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते अमरजीत सिंह भी चुनाव मैदान में मौजूद रहकर मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे हुए हैं।
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