गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को एक नोटिस भेजकर उन्हें यहां इस महीने की शुरुआत में एक मुस्लिम व्यक्ति पर हुए कथित हमले से संबंधित मामले की जांच में शामिल होने को कहा है।
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एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मनीष माहेश्वरी को मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सात दिनों के भीतर यहां लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में पेश होने के लिए कहा गया है। इस मामले में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को ट्विटर , न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ के अलावा कुछ पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की। सोशल मीडिया पर साझा वीडियो में बुजुर्ग मुसलमान ने पांच जून को गाजियाबाद के लोनी इलाके में उन्हें पीटने, उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘‘जय श्री राम’’ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए यह वीडियो साझा किया गया। पुलिस ने कहा कि यह घटना ‘ताबीज’ से जुड़े एक विवाद का नतीजा थी जो बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल शमद सैफी ने कुछ लोगों को बेचा था।
प्राथमिकी में ट्विटर इंक, ट्विटर कम्यूनिकेशन्स इंडिया, न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’, पत्रकार मोहम्मद जुबेर, राणा अयूब, लेखिका सबा नकवी के अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी और शमा मोहम्मद को नामजद किया गया है।
इस वीडियो को लेकर देश भर में लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी थीं। इसमें सैफी को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि उस पर कुछ युवकों ने हमला किया और ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया। हालांकि जिला पुलिस ने कहा कि उसने घटना के दो दिन बाद सात जून को दर्ज करायी प्राथमिकी में ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया। गाजियाबाद पुलिस ने अभी तक मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
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