रेमिडीसीवीर की कालाबाजारी करने वालों पर लगे रासुका : मुख्यमंत्री

Last Updated 19 Apr 2021 06:20:16 PM IST

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के रोज नए जतन हो रहे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी रोज समीक्षा बैठक में सीएम योगी अधिकारियों से हर रोज कोरोना वायरस संक्रमण कम करने के उपायों पर चर्चा करते हैं।


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (file photo)

सोमवार को लखनऊ को लेकर उन्होंने बड़ा फैसला किया है। रेमिडीसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी बड़ा अपराध है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि, "रेमिडीसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी बड़ा अपराध है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाए। ऐसे लोगों के बारे में समाज में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। रेमिडीसीवीर सहित किसी भी प्रकार के जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाए। इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।"

उन्होंने कहा कि, "रेमिडीसीवीर के 20,000 से 30,000 बॉयल आज ही प्रदेश को प्राप्त हो जाएंगे। आने वाले तीन दिनों के भीतर रेमिडीसीवीर की नई खेप भी प्राप्त हो रही है। इनका वितरण पारदर्शितापूर्ण ढंग से किया है। सभी आपूर्तिकतार्ओं से संवाद स्थापित कर प्रदेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मांग प्रेषित करें।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को चिन्हित कर उनसे संपर्क करें। इनमें एमएसएमई इकाइयों की संख्या बहुतायत है। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर फिलहाल सभी औद्योगिक इकाइयों द्वारा उत्पादित कुल ऑक्सीजन का इस्तेमाल मेडिकल संबंधी कार्यों में ही किया जाए। इन इकाइयों के समीप स्थित अस्पतालों से समन्वय बनाकर इन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए। औद्योगिक इकाइयों से ऑक्सीजन वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। मंत्री एमएसएमई और एसीएस एमएसएमई इस कार्य को तत्परता से पूरा करें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। डीआरडीओ की सहायता से अगले दो-तीन दिनों में 220 सिलिंडर की क्षमता वाला नया ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर क्रियाशील कर दिया जाएगा। इसके साथ-साथ प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर हर सप्ताह तीन-तीन नए ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे। नवीन प्लांट्स के क्रियाशील होने के बाद प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और बेहतर हो जाएगी।

भारत सरकार से 750 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित हो गई है। आवश्यकतानुसार और मांग प्रेषित करें। इसमें देरी न हो। इसके वितरण में पारदर्शिता रखी जाए।



योगी ने कहा कि, "लखनऊ स्थित बलरामपुर हॉस्पिटल में 255 बेड्स की क्षमता वाला डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल क्रियाशील हो चुका है। इसे बढ़ाकर 700 बेड तक किया जाए। केजीएमयू और आरएमएल हॉस्पिटल को पूरी क्षमता के साथ कोविड समर्पित अस्पताल के रूप में संचालित किया जाए। यह तीन चिकित्सा संस्थान सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री इस व्यवस्था को तत्काल सुनिश्चित करें।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ स्थित एरा, हिन्द, डीएस मिश्रा, इंटीग्रल और मेयो मेडिकल कॉलेज को पूरी क्षमता के साथ कोविड हॉस्पिटल के रूप में क्रियाशील रखा जाए। इन कोविड हॉस्पिटलों की आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिए जाने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित मेडिकल कॉलेज में स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट जरूर हो। मेडिकल एजुकेशन विभाग द्वारा इस व्यवस्था को तत्काल प्रभावी बनाया जाए। वर्तमान स्थिति में न्यूनतम 100 बेड वाले सभी अस्पतालों में स्वयं का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की दिशा में कार्यवाही की जाए। इस संबंध में विधायक निधि का सहयोग लिया जा सकता है।

योगी ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को न्यूनतम एक सप्ताह का मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। मरीजों से हर दिन संवाद स्थापित किया जाए। 108 एम्बुलेंस की आधी संख्या केवल कोविड के लिए डेडिकेटे किया जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं। स्वास्थ्य मंत्री यह व्यवस्था सुनिश्चित करें।

आईएएनएस
लखनऊ


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