राजस्थान सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली शराब बेचकर राजस्व जुटाना चाहती है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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राज्य सरकार ने भाजपा विधायक मदन दिलावर द्वारा विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह स्पष्ट किया।
दिलावर ने अपने सवाल में पूछा था कि 2019 और 2020 में शराब पीकर गाड़ी चलाने से राज्य में कुल 73 हादसे हुए जिनमें 37 लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि साथ ही, महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, हत्या, डकैती जैसी अपराध की घटनाओं में जिलेवार वृद्धि हुई है। क्या इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाना उचित है, यदि हां, तो जानकारी देंं, यदि नहीं, तो कृपया विस्तृत रूप से जानकारी साक्षा करें।
राज्य सरकार ने अपने स्टैंड पर विस्तार से बताते हुए कहा कि राज्य में शराब निरोधक नीति लागू है जिसके तहत विभाग अवैध शराब गतिविधियों पर कार्रवाई करता है। शराब उत्पादों पर नियंत्रण रखने का उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता वाली शराब उपलब्ध कराना और राजस्व अर्जित करना है, वहीं शराबबंदी के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की पूर्व राजे सरकार के तहत शराबबंदी की मांग को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन के बाद मौत हो गयी थी। इसके बाद से ही राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है।
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