पूर्व माफिया डॉन अरुण गवली को समय से पहले मिलेगी जेल से रिहाई

Last Updated 05 Apr 2024 03:18:52 PM IST

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, नागपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व माफिया डॉन से नेता बने अरुण गुलाब गवली को समय से पहले रिहा किया जाएगा। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को ये आदेश दिया।


पूर्व माफिया डॉन अरुण गवली को समय से पहले मिलेगी जेल से रिहाई

न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने अरुण गवली की याचिका को स्वीकार कर लिया है।

उनके वकील मीर नगमान अली ने आईएएनएस को बताया, गवली का आवेदन पहले इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि सरकार की एक अधिसूचना विशेष रूप से मकोका के तहत दोषी को नीति के लाभ से बाहर रखती है।

उन्होंने तर्क दिया कि 2006 की अधिसूचना भी यह स्पष्ट करती है कि एनडीपीएस, टाडा, एमपीडीए आदि कानूनों के तहत दोषी 2006 के नीतिगत लाभों के हकदार नहीं हैं।

गवली ने अपनी याचिका में कहा कि वो अब 69 साल का हो गया है और सरकार के ही एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जिन कैदियों की 14 साल की सजा हो चुकी है और उम्र 65 साल को पार कर गई है, उनको रिहा किया जा सकता है।

वकील अली ने कहा, दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर गवली की रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया, जिससे जेल से उसकी समय से पहले रिहाई का रास्ता साफ हो गया। उसने 16 साल जेल में बिताए हैं।

मूल रूप से मुंबई के रहने वाले और दगड़ी चॉल के डॉन के रूप में खूंखार 69 वर्षीय अरुण गवली ने विधायक (2004-2009) के रूप में भी कार्य किया।

उसे 2006 में गिरफ्तार किया गया था, मुकदमा चला, दोषी पाया गया और 2012 में शिव सेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

आईएएनएस
नागपुर


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