भारत की बढ़ती ताकत इंडो-पैसिफिक में शांति, समृद्धि के लिए है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Last Updated 05 Mar 2024 09:15:07 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत की बढ़ती ताकत प्रभुत्व के लिए नहीं , बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि का माहौल बनाने के लिए है।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "विचार प्रभुत्व हासिल करने का नहीं है, बल्कि इंडो-पैसिफिक में शांति और समृद्धि का माहौल बनाने का है। बढ़ती नौसैनिक शक्ति न केवल हमें हमारे विरोधियों से बचाती है, बल्कि हिंद महासागर में अन्य हितधारकों को भी सुरक्षा का माहौल प्रदान करती है।"

रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना ने नए बुनियादी ढांचे, उपकरण और युद्ध संबंधी बुनियादी ढांचे की स्थापना में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, जिससे उसकी नौसैनिक शक्ति मजबूत हुई है।

उन्होंने विश्‍वस्तरीय अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा बनाने के लिए नौसेना की सराहना की, जो दुनिया की समुद्री शक्तियों के बीच भारत के कद के अनुरूप है।

राजनाथ सिंह ने कहा, "पहले लगभग सभी सरकारें जमीनी सीमाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करती थीं, लेकिन समुद्री खतरों को उतना महत्व नहीं दिया जाता था।"

उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में हमारे विरोधियों की बढ़ती आवाजाही और क्षेत्र के वाणिज्यिक महत्व को देखते हुए खतरे की धारणा का फिर से आकलन करना और उसके अनुसार हमारे सैन्य संसाधनों और रणनीतिक ध्यान को फिर से संतुलित करना जरूरी था।

उन्‍होंने कहा, "यदि भारत मजबूत होगा, तो न केवल इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रगति होगी, बल्कि लोकतंत्र और कानून का शासन भी मजबूत होगा। रक्षा मंत्री ने कहा, "एक समय हमें समुद्र तटों से भूमि से घिरे देश के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब हमें भूमि सीमाओं से घिरे द्वीप देश के रूप में देखा जा सकता है।"

मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में उपलब्ध संसाधन और अवसर भारत की समृद्धि के कारक होंगे, जो भविष्य में भारतीय नौसेना की भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर वस्तुओं का व्यापार समुद्री मार्ग से होता है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र इसका केंद्र बनकर उभर रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "बढ़ते माल व्यापार के कारण चोरी और तस्करी जैसे खतरे सामने आए हैं।"

आईएएनएस
पणजी


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