महाराष्ट्र के पूर्व CM और शिवसेना के दिग्गज नेता मनोहर जोशी के निधन पर कई नेताओं ने जताया शोक

Last Updated 23 Feb 2024 11:30:08 AM IST

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और कई दलों के नेताओं ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी के निधन पर शोक व्यक्त किया।


जोशी का शुक्रवार को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया।

अस्पताल ने बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री जोशी (86) को दिल का दौरा पड़ने के बाद 21 फरवरी को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने शुक्रवार तड़के अंतिम सांस ली।

बैस ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘एक कुशल संगठनकर्ता, बेहतरीन सांसद, उत्कृष्ट वक्ता, प्रखर विपक्षी नेता और सम्मानित लोकसभा अध्यक्ष श्री जोशी ने हर भूमिका का निर्वहन करते हुए अपनी अमिट छाप छोड़ी।’’

उन्होंने कहा कि जोशी ने कौशल शिक्षा के महत्व को बहुत पहले समझ लिया था और इसलिए उन्होंने प्रौद्योगिकी एवं कौशल संबंधी शिक्षा प्रदान करने वाले केंद्र बनाए, जिससे हजारों युवा महिलाओं और पुरुषों को नौकरियां हासिल करने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘जोशी जी एक मृदुभाषी और विद्वान सांसद थे, जिनका सभी राजनीतिक दलों के नेता सम्मान करते थे।’’

बैस ने कहा कि जोशी के निधन से महाराष्ट्र ने उच्च सिद्धांतों और मूल्यों वाले एक व्यक्ति को खो दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘जब श्री जोशी लोकसभा अध्यक्ष थे तो मुझे उन्हें करीब से जानने का सौभाग्य मिला। मैं उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’’

राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि समाज, राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में जोशी का योगदान बहुत बड़ा है।

उन्होंने कहा कि जोशी विधान परिषद, विधानसभा और लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के भी सदस्य रहे। उन्होंने कहा कि जोशी ने मुंबई के पार्षद और महापौर से लेकर मुख्यमंत्री और सांसद के तौर पर भी सेवाएं दीं।

फडणवीस ने कहा कि चाहे निजी जीवन हो या सार्वजनिक जीवन, जोशी एक अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जोशी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि मराठी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला एक नेता अब नहीं रहा।

केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने कहा कि जोशी को राजनीतिक हलकों में एक ऐसे निष्कपट नेता के रूप में जाना जाता था जो अपना काम पूरा करने के लिए प्रयासरत रहते थे। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संसद परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि जोशी एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, जो अपने व्यस्त राजनीतिक कार्यक्रम के बावजूद कला और संस्कृति में रुचि रखते थे।

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने जोशी को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का भरोसेमंद सहयोगी और मराठी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला व्यक्ति बताया।

‘जोशी सर’ के नाम से लोकप्रिय जोशी अविभाजित शिवसेना से राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता थे और उन्होंने 1995 से 1999 तक इस पद पर सेवाएं दीं।

जोशी संसद के सदस्य भी चुने गए थे और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे। तब केन्द्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी।

महाराष्ट्र के तटीय कोंकण क्षेत्र में दो दिसंबर 1937 को जन्मे जोशी ने मुंबई की प्रतिष्ठित ‘वीरमाता जीजाबाई तंत्रज्ञान संस्था’ (वीजेटीआई) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।

उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के साथ हुई और बाद में वह 1967 में शिवसेना के सदस्य बन गए। जोशी 1980 के दशक में शिवसेना के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे। वह अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते थे।
 

भाषा
मुंबई


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