‘अमान्य’ आठ मतपत्रों को मान्य करार दिया, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, चंडीगढ़ में अब ’आप‘ का मेयर

Last Updated 21 Feb 2024 06:50:34 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व फैसले में चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित किया। भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर को विजयी घोषित करने की पीठासीन अधिकारी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया।


आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार

सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को चुनाव में धांधली के लिए जिम्मेदार ठहराया और देश की शीषर्स्थ अदालत में झूठ बोलने के कारण सीआरपीसी की धारा 340 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने जानबूझकर मतपत्रों को विरूपित किया।

चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड, जस्टिस जमशेद पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने मतपत्रों का खुद मुआयना किया और पाया कि बैलट पेपर को विरुपित करने का पीठासीन अधिकारी का कथन झूठ का पुलिंदा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी मसीह ने न सिर्फ महापौर के चुनाव में धांधली की बल्कि देश की शीषर्स्थ अदालत को गुमराह करने की कोशिश की और झूठा बयान दिया। अदालत ने कहा कि निरस्त किए गए सभी आठ मतपत्र आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में पड़े थे।

मतपत्रों पर कलम चलाने से वह निरस्त नहीं किए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुलदीप कुमार को कुल 20 मत प्राप्त हुए और उनके प्रतिद्वन्द्वी मनोज सोनकर को 12 वोट हासिल हुए।

चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू करना उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कुलदीप कुमार को निर्वाचित घोषित किया।

 पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह चंडीगढ़ नगर निगम के नामित सदस्य हैं। वह चंडीगढ़ भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के सक्रिय सदस्य हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का बचाव करने की कोशिश और दलील दी कि उनकी नजर में मतपत्र पर मुहर स्पष्ट नहीं थी और बिंदु के निशान थे। इसी कारण उन्होंने मतपत्रों को रद्द किया। लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया।

30 जनवरी को निर्वाचित घोषित किए गए मनोज सोनकर की ओर से वकील ने दोबारा चुनाव कराने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया था कि पाषर्दों की खरीद-फरोख्त चिंता का विषय है।

खरीद-फरोख्त के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा चुनाव के बजाए 30 जनवरी को हुए मतदान के आधार पर ही कुलदीप कुमार को विजयी घोषित किया।

समयलाइव डेस्क/विवेक वार्ष्णेय


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