समलैंगिक विवाह पर आरएसएस-शादी दो अलग-अलग जेंडर के बीच ही हो सकती है

Last Updated 14 Mar 2023 07:00:35 PM IST

भारत में समलैंगिक विवाह पर जारी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि शादी दो अलग-अलग जेंडर के लोगों के बीच ही हो सकती है। हिंदू दर्शन में विवाह संस्कार हैं।




राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)

हरियाणा के पानीपत में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा के आखिरी दिन प्रेसवार्ता के दौरान संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने मंगलवार को कहा कि संघ समलैंगिक विवाह पर केंद्र सरकार के नजरिए से सहमत है लेकिन शादी दो अलग-अलग जेंडर के लोगों के बीच ही हो सकती है। हिंदू दर्शन में विवाह संस्कार हैं।

उन्होंने कहा इसको कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर सकते। यह शारीरिक इच्छापूर्ति के लिए नहीं होती। शादी से गृहस्थ जीवन के आदर्श मिलते हैं। हिंदू जीवन में विवाह 'संस्कार' है, यह आनंद के लिए नहीं है। दो व्यक्ति विवाह करते हैं और समाज के लाभ के लिए एक परिवार बनाते हैं। विवाह न तो यौन आनंद के लिए और न ही अनुबंध के लिए।

संघ के सर कार्यवाह ने कहा संघ राष्ट्र को विश्वगुरु बनाने के लिए फाइव एस (5-एस) पर काम करेगा। इसके तहत स्वाभिमानी, समृद्धशाली, सुशील संपन्न, संगठित एवं समरस भारत के साथ समग्र विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। अगले 25 वर्षों में भारत को न केवल आर्थिक और ढांचागत रूप से बल्कि खेल और संस्कृति जैसे कई अन्य क्षेत्रों में भी विकास करना है।

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि मंडल स्तर पर आरएसएस की शाखाओं का विस्तार प्रमुख है। 2025 शताब्दी समारोह 2024 में विजयादशमी से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि भारत की वह पहचान जो राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए गर्व की बात रही है, आज के समय में दुनिया के सामने प्रस्तुत की जानी है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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