दूसरे चरण का चुनाव : पश्चिम बंगाल में 80.53 प्रतिशत, असम में 73.03 प्रतिशत मतदान
विधानसभा चुनावों के लिए दूसरे चरण में असम में बृहस्पतिवार को 73.03 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि पश्चिम बंगाल में 80.53 प्रतिशत मतदान हुआ।
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चुनाव आयोग ने कहा कि ये आंकड़े शाम पांच बजे तक के हैं। आयोग ने कहा कि दोनों राज्यों में 69 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 21,212 मतदान केंद्रों पर दूसरे चरण का चुनाव शांतिपूर्ण रहा।
आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘असम में दूसरे चरण में 39 विधानसभा क्षेत्रों में शाम पांच बजे तक 73.03 प्रतिशत मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण में 30 विधानसभा क्षेत्रों में शाम पांच बजे तक 80.43 प्रतिशत मतदान हुआ।’’
आयोग ने कहा कि पिछले कुछ चुनावों की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी की दर भी इस बार कम रही।
हालांकि कितनी मशीनों को बदला गया इस बारे में नहीं बताया गया।
इस चरण के दौरान पश्चिम बंगाल में 10,620 बैलेट यूनिट, इतने ही कंट्रोल यूनिट और वीवीपीएटी का इस्तेमाल हुआ।
असम में 10,819 बैलेट यूनिट, 10592 कंट्रोल यूनिट और इतने ही वीवीपीएटी का इस्तेमाल हुआ।
एक ईवीएम के लिए एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलेट यूनिट और एक वीवीपीएटी होता है।
मौजूदा चुनाव के दौरान दूसरे चरण तक दोनों राज्यों से कुल 366.09 करोड़ रुपये की जब्ती की गयी है।
बयान में कहा गया कि नकदी, शराब, मादक पदार्थ और उपहार सामग्री की जब्ती की गयी है। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान 60.91 करोड़ रुपये की सामग्री की जब्ती के तुलना में छह गुना जब्ती की गयी है।
असम से सी-विजिल ऐप के जरिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 1306 मामले आए जिनमें से 927 का शाम साढे चार बजे तक निपटारा कर दिया गया।
इसी तरह पश्चिम बंगाल से कुल 14,499 मामले आए जिनमें से 11,630 मामलों का शाम साढे चार बजे तक निपटारा कर दिया गया।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि साढ़े पांच बजे तक बांकुड़ा जिले में सबसे अधिक 82.78 फीसदी मतदान हुआ जबकि दक्षिण 24 परगना जिले में सबसे कम 79.66 प्रतिशत मतदान हुआ। इन क्षेत्रों में मतदान सुबह साढ़े छह बजे शुरू हुआ।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मोयना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से मतदान केंद्र पर कब्जा करने की शिकायत की है। शिकायत में दावा किया गया, ‘‘भाजपा कार्यकर्ता ईवीएम पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे और बूथ पर धांधली कर रहे थे। मतदान केंद्र पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।’’
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में हुई घटनाओं के मद्देनजर राज्यपाल जगदीप धनकड़ से टेलीफोन पर बातचीत कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का आग्रह किया।
सुश्री बनर्जी दिन में यहीं रहीं और उनकी मौजूदगी से भारतीय जनता पार्टी तथा तृणमूल के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला। नंदीग्राम के गोकुल नगर में एक बूथ के बाहर दोनों पार्टियों के सैंकड़ों कार्यकर्ता देखे गए।
सुश्री बनर्जी अभी भी यहीं हैं और उनकी मौजूदगी का स्थानीय भाजपा नेता विरोध कर रहे हैं।
उनके यहां पहुंचने के बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जोरदार झड़पें देखने को मिली थी और जैसे ही वह यहां पहुंची तो लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। सुश्री बनर्जी ने कहा कि दूसरे राज्यों से गुंडे यहां आकर हंगामा कर रहे हैं और जो लोग नारे लगा रहे हैं, वे बाहरी लोग हैं। ये लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं और केन्द्रीय सुरक्षा बल इनकी हिफाजत कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल मतदाताओं को मतदान नहीं करने दे रहा है तथा सीआरपीएफ वास्तविक मतदाताओं को नंदीग्राम के बूथ नंबर सात में नहीं जाने दे रही है।
भाजपा कार्यकर्ता सुश्री बनर्जी के यहां से जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री बाहर से अपने साथ लोगों को लाई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और अर्धसैनिक बल स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच एक महिला समर्थक ने कहा कि एक खास समुदाय के लोग उनसे नफरत करते हैं और वह तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने यहां आई हैं।
सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया,‘‘चुनाव आयोग भाजपा का समर्थन कर रहा है। चुनाव के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कैसे चुनाव रैली के आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गयी।’’
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