मिशन लोकसभा में जुटे Amit Shah, कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों पर राम मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार का घमासान खत्म होते ही भाजपा मिशन लोकसभा में जुट गई है।
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भाजपा की निगाहें खासतौर से बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे उन राज्यों पर लगी हुई है, जहां इस समय विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की सरकारें हैं।
भाजपा दिल्ली जैसे राज्य में 2019 की तरह इस बार भी सातों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है] तो वहीं बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अपने सासंदों की संख्या बढ़ाना चाहती है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिम बंगाल से इसकी शुरूआत कर दी है।
शाह ने बुधवार को बंगाल की धरती से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और टीएमसी सहित सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाते रहे, लेकिन 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया और अब 22 जनवरी 2024 को भव्य श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
कोलकाता के धर्मतला में ‘प्रतिवाद सभा’ को संबोधित करते हुए शाह ने ममता बनर्जी के साथ-साथ वामदलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में 27 सालों तक कम्युनिस्टों का शासन रहा और उसके बाद ममता बनर्जी तीसरे कार्यकाल में शासन कर रही हैं। यहां लाल भाई और तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने मिलकर पूरे पश्चिम बंगाल को बर्बाद कर दिया। देश में सबसे ज्यादा चुनावी हिंसा पश्चिम बंगाल में होती है।
शाह ने महुआ मोइत्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा की भेंट और उपहार लेकर सवाल पूछने वाले सांसद और राजनीतिक पार्टी कभी जनता का भला नहीं कर सकती। उन्होंने बंगाल की धरती से कश्मीर को भी राजनीतिक संदेश देने का प्रयास करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के सपूत श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 को हटाने के लिए अपना बलिदान दिया था, प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाकर उन्हें सम्मान दिया और जम्मू एवं कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया। मोदी की सरकार ने वामपंथ-उग्रवाद पर नकेल कसी और उसे समाप्त किया।
शाह ने 2024 के लक्ष्य को सामने रखते हुए जनता से यह भी आह्वान किया कि अगर बंगाल में 2026 में भाजपा की सरकार बनानी है तो इसकी नींव 2024 के लोकसभा के चुनाव में डालें और प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएं। उन्होंने जनता से विनती करते हुए कहा कि जिस प्रकार 2019 में बंगाल की जनता ने 18 लोकसभा सीटें दी थीं, उसी तरह 2024 में मोदी को उससे भी अधिक सीटें दीजिए, ताकि उन्हें कहना पड़े कि "मैं बंगाल के कारण देश का प्रधानमंत्री बना हूं"।
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