दिल्ली को 700 मीट्रिक टन O2 हर हाल में

Last Updated 06 May 2021 09:51:37 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 700 मीट्रिक टन चिकित्सीय ऑक्सीजन आपूर्ति करने के निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही पर बुधवार को रोक लगा दी।


उच्चतम न्यायालय : दिल्ली को 700 मीट्रिक टन O2 हर हाल में

हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 30 अप्रैल के आदेश की समीक्षा नहीं करेगी और केंद्र को दिल्ली के लिए रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी होगी।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने हालांकि, स्पष्ट किया यह उच्च न्यायालय को कोविड-19 प्रबंधन और उससे जुड़े मामलों की निगरानी से नहीं रोकती। शीर्ष अदालत ने तत्काल सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारी मिलें और राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन आपूर्ति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करें।

न्यायालय ने कहा कि पूरे भारत में महामारी की स्थिति है और हमें राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो, इसका रास्ता तलाशना होगा। हम दिल्ली के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, हम भी दिल्ली में हैं। हम असहाय हैं और फोन कॉल पर हैं। हम यह कल्पना कर सकते हैं कि नागरिक किस स्थिति से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय वकीलों सहित लोगों का क्रंदन सुन रहा है। 

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 30 अप्रैल के आदेश की समीक्षा नहीं करेगी और केंद्र को दिल्ली के लिए रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी होगी। न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि वह बृहस्पतिवार को योजना प्रस्तुत करे कि वह कैसे 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी।

शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों और डॉक्टरों की समिति बनाई जा सकती है जो दिल्ली में कोविड-19 से निपटने के तरीकों पर मंथन कर सकती है और इस दौरान मुंबई की स्थिति पर भी गौर किया जा सकता है।

भाषा
नई दिल्ली


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