राज्यसभा में टीएमसी और भाजपा नेता भिड़े, नड्डा ने संभाली कमान

Last Updated 24 Mar 2021 10:53:02 PM IST

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्याक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 (जीएनसीटीडी) पर बुधवार को राज्यसभा में बहस के दौरान मामला गरमा गया। टीएमसी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने एलजी को अधिक अधिकार देने वाले इस विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की।


भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा

हंगामे के कारण वित्त विधेयक 2021 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को समय से पहले भाषण समाप्त करना पड़ा। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने विधेयक पर बहस करने के दौरान आरोप लगाया कि भाजपा के नेता लगातार उन पर कमेंट कर रहे हैं, यह सदन के नियमों के खिलाफ है। डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया। विधेयक को उन्होंने संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ बताया। टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के लगातार आरोपों को सुनकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा भी उठ खड़े हुए और उन्हें टीएमसी पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोल रहीं थीं, तब टीएमसी के सांसद नारेबाजी कर रहे थे, यह डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा। हम उनमें से नहीं हैं जो हार जाने पर ईवीएम को दोषी ठहराएं और जीत जाने पर खुद को शहंशाह बताएं।" भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के इस बयान पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एतराज जताया। उधर, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का विधेयक के जरिए बदला लेने का आरोप लगाया।

इससे पूर्व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने इस विधेयक के मसले पर बोलते हुए केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे की हत्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में सीबीआई से टकराव का उदाहरण देते हुए कहा कि बगैर राज्य सरकार की अनुमति के ही सीबीआई ने राज्य में घुसने की कोशिश की।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीबीआई का मामला संघीय ढांचे का एक उदाहरण है। सीबीआई किसी मामले की तब जांच करती है, जब वहां की सरकार अनुमति दे या फिर कोर्ट इसका आदेश दे, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा कुछ न होते हुए भी सीबीआई ने कोयला मामले में घुसने की कोशिश की। डॉ. अभिषेक सिंघवी ने कहा, " संघीय ढांचे की दुहाई देते हुए सरकार संघीय ढांचे की हत्या कर रही है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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