गड़बड़ियों का क्लब बना सफदरजंग क्लब
दक्षिण दिल्ली का मशहूर सफदरजंग क्लब वित्तीय अनियमितताओं के चलते विवाद का अड्डा बन गया है।
गड़बड़ियों का क्लब बना सफदरजंग क्लब |
आरोप है कि प्रबंधन समिति में शामिल मुट्ठीभर लोग वित्तीय अनियमितताओं से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। दक्षिण दिल्ली के दो हजार से अधिक सभ्रांत लोगों का यह क्लब कभी इलाके की शान माना जाता था। लेकिन प्रबंधन समिति में शामिल कुछ लोगों ने इसकी शान पर बट्टा लगा दिया है। इसके सदस्यों का आरोप है कि वर्तमान प्रबंधन समिति तमाम नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाकर इस संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही है।
गौरतलब है कि क्लब प्रबंधन समिति का चयन दो वर्ष के लिए होता है। वर्तमान समिति का चयन एक जून, 2015 को हुआ था और इसका कार्यकाल 31 मई, 2017 को समाप्त हो गया था। लेकिन वर्तमान समिति ने तीन साल से चुनाव ही नहीं कराए। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई प्रबंधन समिति इसे नियम और कानून के बजाय ‘दादागिरी’ से चला रही है। इस रवैये से क्लब के कई वरिष्ठ सदस्य परेशान हैं और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। क्लब के सदस्य डा. अरुण कुमार के अनुसार, ‘वर्तमान अध्यक्ष कपिल मल्होत्रा व सचिव अजय अविनाशी क्लब को नियमों के अनुसार न चलाकर मनमर्जी से काम कर रहे हैं जो कि गैर कानूनी है।
आरोप है कि कोविड लॉकडाउन के दौरान जब बार और क्लब में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ था तो समय प्रबंधन समिति ने शराब की बिक्री कर दी। 25 अगस्त, 2020 को आबकारी विभाग ने क्लब में छपा मारा तो स्टॉक में शराब की 3000 से भी अधिक बोतलें काम पाई गई। 16 सितम्बर, 2020 को आबकारी विभाग ने क्लब से जवाब-तालब करते हुए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। इस विषय में क्लब के कुछ सदस्यों द्वारा पुलिस में भी शिकायत दी लेकिन पुलिस अफसरों में रसूख रखने वाले प्रबंधन समिति के दबाव में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में आबकारी विभाग ने भी अभी तक क्लब पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है। आबकारी विभाग के उपायुक्त रणजीत सिंह के अनुसार अभी इस मामले में सुनवाई की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद ही नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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