मनोज तिवारी ने कृषि कानूनों पर ‘शंकाएं’ दूर करने के लिए CM केजरीवाल को अपने निवास पर आमंत्रित किया
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने निवास पर आमंत्रित किया और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के लाभ बताने तथा उनके ’संदेहों’ को दूर करने की पेशकश की।
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आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया था कि नए कृषि कानूनों से किसानों को किसी भी तरह का लाभ नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा।
मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए तिवारी ने कहा कि केजरीवाल किसी को भी अपने घर में प्रवेश नहीं करने देते और जन प्रतिनिधियों से मिलने से परहेज करते हैं।
हाल ही में, भाजपा शासित नगर निगमों के तीन महापौर और अन्य नेता मुख्यमंत्री आवास के बाहर 13 दिनों तक धरने पर बैठे रहे। लेकिन केजरीवाल ने उनसे मुलाकात नहीं की थी।
तिवारी ने केजरीवाल को ट्वीट कर उन्हें रविवार की दोपहर तीन बजे लुटियंस दिल्ली में मदर टेरेसा क्रेसेंट के अपने आधिकारिक निवास पर आमंत्रित किया और मीडिया के सामने कृषि कानूनों का लाभ बताने की पेशकश की।
भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में कहा, ’आइए, किसानों के हित के लिए रचनात्मक राजनीति करें।’ केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है।
दिल्ली CM @ArvindKejriwal जी किसी को अपने घर में घुसने नही देते और बाहर बैठे जनप्रतिनिधि को मिलने नही,चलो हमारे सरकारी आवास पर आने का निमंत्रण दे रहा हूँ 27December 3बजे-आपको मैं मीडिया के सामने ही कृषि क़ानून के फ़ायदे बताता हूँ,
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) December 26, 2020
lets do constructive politics for farmers benefit pic.twitter.com/8DAN1e2fg5
केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, ‘‘भाजपा कहती है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान नहीं होगा। लेकिन उनका क्या लाभ है..। ’’
दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कृषि कानूनों के लाभ के बारे में बताया तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बार-बार आश्वासन दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडियां बनी रहेंगी।
तिवारी ने कहा, ’इसके बाद भी, अगर अरविंद केजरीवाल को तीनों कृषि कानूनों में कोई लाभ नहीं दिखता है और उन्हें कुछ संदेह हैं, तो वह मेरा निमंत्रण स्वीकार कर सकते हैं। मुझे उन्हें कृषि कानूनों का लाभ बताने में खुशी होगी।’’
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