धनबाद जज उत्तम आनंद हत्याकांड : न्यायाधीश के हत्यारों को ताउम्र कैद
झारखंड में धनबाद की एक विशेष अदालत ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के दो दोषियों को शनिवार को मृत्युपर्यन्त कारावास और तीस-तीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
धनबाद जज उत्तम आनंद हत्याकांड |
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने उत्तम आनंद की हत्या के लिए दोषी करार दिये गये आटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा को मृत्युपर्यन्त सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशेष अदालत ने 28 जुलाई को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था।
धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत छह अगस्त को मुजरिम राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा की सजा पर अपना फैसला सुनाया।
28 जुलाई को उत्तम आनंद की पहली पुण्यतिथि के दिन आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।
सीबीआइ के स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा-302 और 201 के तहत दोषी ठहराया।
ज्ञात हो, पिछले साल 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद मार्निंग वॉक पर निकले थे, वे सड़क किनारे वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी। इस घटना में जस्टिस की मौके पर ही मौत हो गयी थी।
28 जुलाई को क्या कहा था अदालत ने
28 जुलाई 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की।
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई, 2021 को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इस दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी।
हर हत्याकांड में मोटिव या इंटेंशन होना जरूरी नहीं
विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने कहा था, ‘हर हत्याकांड में कोई मोटिव या इंटेंशन हो, यह जरूरी नहीं, यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर इंटेंशन की जरूरत नहीं है। यह स्पष्ट है कि ऑटो से टक्कर मारी गयी और उत्तम आनंद की मौत हुई। रणधीर वर्मा चौक के सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट होता है और मैं पाता हूं कि ऑटो रिक्शा के सामने की सीट पर दो लोग बैठे थे।
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