पटना में आज विपक्षी दलों का महामंथन, एजेंडा तय, BJP विरोधी मोर्चे की बनेगी रणनीति
अगले साल संभावित लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल एकजुटता के प्रयास में जुटे हैं। इसे लेकर बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को बैठक होने वाली है, इसमे भाजपा विरोधी मजबूत मोर्चे के गठन को लेकर एक रूपरेखा तैयार की जाएगी।
(फाइल फोटो) |
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी विपक्षी नेताओं की बैठक के लिए पटना पहुंच चुके हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेताओं का हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
इस बैठक में 15 दलों के भाग लेने की संभावना है। बैठक दिन के करीब 11 बजे शुरू होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालेंगे, जबकि अंतिम संबोधन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खरगे पटना रवाना होने से पहले अरविंद केजरीवाल के 'अध्यादेश पर कांग्रेस का समर्थन न मिलने पर वॉकआउट करने' के बयान का जवाब देते हुए पत्रकारों से कहा कि अरविंद केजरीवाल को यह पता होगा कि अध्यादेश का समर्थन या विरोध बाहर नहीं होता, यह सब सदन के अंदर होता है। जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी।
NCP प्रमुख शरद पवार पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए NCP की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के साथ पटना रवाना हुए। आज सुबह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी बैठक में शामिल होने के लिए पटना के लिए रवाना हुए।
शरद पवार बैठक में शामिल होने के लिए पुणे से निकलते हुए कहा कि हम देश के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में मणिपुर मुद्दे पर भी होगी चर्चा।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए से अलग होने के बाद विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुटे हैं। इसके तहत उन्होंने दिल्ली के अलावा कई राज्यों की यात्रा की और विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की।
नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई नेता गुरुवार को हो पटना पहुंच गए हैं।
विपक्षी दलों के एकजुटता के प्रयास को लेकर बुलाई गई इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में आपसी विवाद से बचने के लिए राज्य के मुद्दों को नहीं, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों को उठाए जाने की संभावना है। बैठक में मुख्य रूप से चुनाव में वोटों के बंटवारे को रोकने को लेकर रणनीति पर चर्चा किए जाने की संभावना है। बैठक में सभी की राय से साझा कार्यक्रम तय करने और कनवेनर चुने जाने की उम्मीद है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को ही कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में वे सभी 'एक परिवार की तरह' लड़ेंगे।
बैठक में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन,सीपीआई के डी राजा और भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य पटना पहुंच चुके हैं।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार सहित वामपंथी दलो के नेता शामिल हो रहे हैं।
राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने पारिवारिक कार्यक्रम के कारण नहीं आने की बात कही है।
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