अरुणाचल प्रदेश की सियासत की तपिश से गरमाई बिहार की राजनीति

Last Updated 26 Dec 2020 01:33:59 PM IST

बिहार से कोसों दूर भले ही अरुणाचल प्रदेश में जनता दल (यूनाइटेड) के छह विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हों, लेकिन वहां के सियासत की तपिश के कारण बिहार की राजनीति गर्म हो गई है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(फाइल फोटो)

वैसे, बिहार में सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा के नेता इस गर्मी को ठंडा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन विपक्ष इस तपिश में ठंड के मौसम में अपना हाथ सेंकने से पीछे नहीं है।

भाजपा और जदयू अन्य दो छोटे दलों के साथ हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में साथ उतरे थे, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद बिहार में पहली बार भाजपा अधिक सीट लाकर 'बड़े भाई'की भूमिका में पहुंच गई है। कहा जा रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के कारण जदयू को कम सीटें मिली है। इसे लेकर भले ही जदयू के नेता मुखर नहीं हैं, लेकिन इस बात को लेकर उनके मन में बेचैनी जरूर महसूस की जाती रही है।

बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार में भी भाजपा का 'अड़ंगा' माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे एक प्रश्न पर कहा था कि भाजपा का प्रस्ताव आने के बाद इसपर विचार किया जाएगा।

इस बीच, अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद जदयू के नेता तिलमिला गए हैं। प्रदेश के नेता इस संबंध में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। जदयू के महासचिव के. सी. त्यागी इस मामले को लेकर कहते हैं राज्य में सरकार को कोई खतरा नहीं था, ऐसा करके गठबंधन धर्म का उल्लंघन किया है।

त्यागी भले ही जो कह रहे हों लेकिन इसी बहाने राजद नीतीश कुमार को इशारों ही इशारों में साथ आने का न्योता भी दे रहा है।

राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कहते हैं, "भाजपा ने गठबंधन धर्म के साथ घात किया है। इससे संदेश स्पष्ट है कि भाजपा को नीतीश कुमार की कतई परवाह नहीं है।"

उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव में भी लोजपा का इस्तेमाल किया, यह बात अब सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अगर साहस दिखाकर कोई फैसला लेते हैं तो हम उसका स्वागत करेंगे।

इधर, कांग्रेस भी जदयू को आईना दिखा रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं कि भाजपा का इतिहास रहा है कि वह जिसके साथ गठबंधन करती है वह उसे ही निगलने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत में थी, इसके बावजूद जदयू के सात में से छह विधायकों को तोड़कर नीतीश कुमार को आईना दिखाया है और क्रिसमस का गिफ्ट दिया है।

इधर, भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन है। यहां भाजपा, जदयू सहित चार दलों के गठबंधन की सरकार मजबूती से चल रही है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना का यहां कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।

इस बीच, पटना में जदयू की शनिवार से प्रारंभ दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। संभावना जताई जा रही है कि जदयू और भाजपा के रिश्ते को लेकर भी इस बैठक में चर्चा जरूर होगी। अब यह देखना होगा कि इस बैठक में इसे लेकर क्या होता है और अरुणाचल की राजनीति का कितना असर बिहार की राजनीति पर पड़ता है।
 

आईएएनएस
पटना


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