भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दीं हैं। राज्य के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव भी चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए राज्य में डेरा डाल चुके हैं।
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बताया जा रहा है कि भूपेंद्र यादव दस जुलाई तक बिहार में रहेंगे। इस दौरान वह विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर वहां के सियासी माहौल को देखते हुए पार्टी की चुनावी रणनीति बनाएंगे। इसके बाद वह दिल्ली पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह को राज्य के माहौल से अवगत कराएंगे।
बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही साफ कर चुके हैं कि बिहार विधानसभा का चुनाव एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा। हालांकि, एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा ही सबसे बड़ी चुनौती है। बीजेपी की तरफ से बतौर प्रभारी भूपेंद्र यादव ही सीटों के बंटवारे में खास भूमिका निभाएंगे। ऐसे में उनका यह दौरा काफी खास माना जा रहा है।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सहयोगी दलों के बीच सीटों पर फंसे पेंच को तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मिलकर भूपेंद्र यादव ने बखूबी सुलझाया था। सूत्रों का कहना है कि लोक जनशक्ति पार्टी 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह कम से कम 42 सीटें चाहती है। हालांकि, भाजपा और जदयू उसे 30 से 35 सीटें देने के पक्ष में हैं।
सूत्रों का कहना है कि कम सीटों के मिलने की आशंका पर ही लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पिछले कुछ दिनों से बयानों के जरिए 'प्रेसर पॉलिटिक्स' करते नजर आए। चिराग के कुछ बयानों से संकेत मिले कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खुश नहीं हैं। बीते दिनों भूपेंद्र यादव की चिराग पासवान से हुई मीटिंग को नाराजगी दूर करने की कवायद के तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्र यादव अपने इस दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को कोरोना काल में जनसंपर्क में तकनीक के इस्तेमाल से लेकर बूथ मैनेजमेंट के नए नुस्खे समझाएंगे। पटना पहुंचने के बाद से लगातार भूपेंद्र यादव हर विधानसभा क्षेत्र के नेताओं व पदाधिकारियों के साथ मिलकर वीडियो कांफ्रेंसिंग में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि जदयू, लोक जनशक्ति पार्टी और भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ मिलकर वह सीटों के समीकरण और बंटवारे पर भी चर्चा करेंगे। विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर वह जमीनी स्थिति भी देखेंगे। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त है।
पार्टी नेताओं का मानना है कि 2015 के चुनाव में लालू यादव की राजद के साथ नीतीश के महागठबंधन के कारण भाजपा हारी थी, लेकिन इस बार नीतीश साथ हैं तो फिर दिक्कत नहीं हैं। बिहार भाजपा के एक नेता ने आईएएनएस से कहा, "इसमें कोई दो राय नहीं कि एनडीए राज्य में मजबूत है और सरकार बनना तय है, लेकिन हम अति आत्मविश्वास का शिकार भी नहीं हैं। चुनाव उसी अंदाज में लड़ते हैं, जैसे लड़ते आए हैं। हम विरोधी दलों को हल्के में कतई नहीं लेते।"
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