इंदौर में भविष्य की राह तलाशेगी भाजपा
Last Updated 15 Feb 2010 06:41:21 PM IST
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नयी दिल्ली। गत लोकसभा चुनाव में हुई पराजय के बाद संक्रमणकाल से गुजर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में हो रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भविष्य की राह तलाशती नजर आएगी। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महंगाई और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर तो वह प्रभावी रणनीति बनाने का प्रयास करेगी ही, अंत्योदय की अवधारणा को साकार करने पर भी उसका जोर रहेगा। संघ के एजेंडे पर चलना और पार्टी की विचारधारा पर अडिग रहने का संकेत तो अध्यक्ष के पद पर नितिन गडकरी की नियुक्ति से ही मिल जाता है।
आतंकवादी हमलों की आशंकाओं के मद्देनजर भारी सुरक्षा के बीच अधिवेशन के लिए इंदौर शहर में तंबुओं के नीचे जब पार्टी के दिग्गज नेता जुटेंगे तो उनके समक्ष एक ही चुनौती रहेगी कि खुद को कांग्रेस के सबसे मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने के लिए उसे भविष्य में किस राह पर चलना है। पहले दिन यानी 17 फरवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी जबकि दूसरे और तीसरे दिन राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी नेता इस पर मंथन करेंगे।
महंगाई, आंतरिक सुरक्षा और विकास की राजनीति:-
बेतहाशा बढ़ती महंगाई और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों के अलावा भाजपा की यह बैठक विकास की राजनीति पर केंद्रित रहने के आसार है। महंगाई के खिलाफ उसने पहले से ही आंदोलन छेड़ रखा है। अब आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर वह लोगों का समर्थन हासिल करने का प्रयास करेगी और आंदोलनरत होगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक इसकी रणनीति इंदौर में बनाई जाएगी और प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। भाजपा अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद गडकरी ने कहा था कि वह विकास की राजनीति के पक्षधर हैं और वह चाहेंगे कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री विकास को अपना मूल मंत्र बनाए। इंदौर की बैठक में उनके इस मूल मंत्र की छाप दिखना लाजिमी है। इसके अलावा विदेश नीति खासकर पड़ोसी देशों संबंधी नीति पर भी पार्टी का विशेष जोर रहेगा। पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश और चीन हमेशा से ही भारत के लिए चिंता का सबब बने रहे हैं। साथ ही साथ भाजपा के सामाजिक और भौगोलिक विस्तार पर भी इंदौर में रणनीति बनाई जाएगी।
अंत्योदय होगा कांग्रेस के मनरेगा का जवाब:-
केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका लाभ भी मिला। यही वजह है कि संप्रग सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में इस योजना का विस्तार करने का फैसला किया। भाजपा अंत्योदय को मनरेगा के काट के रूप में देखती है। गडकरी अंत्योदय के सबसे बड़े हिमायती हैं। अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में ही उन्होंने साफ कर दिया था कि पार्टी का अंत्योदय पर खासा जोर रहेगा और इसे भाजपा शासित राज्यों में अमल में लाया जाएगा। पार्टी के मुताबिक अंत्योदय का मतलब है-समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उन्नति।
संघ का एजेंडा और विचारधारा का झंडा साथ-साथ:-
संघ की तर्ज पर अब भाजपा भी कार्यकर्ता निर्माण करेगी। पार्टी नेताओं में आए क्षरण को रोकने के लिए पार्टी ने यह उपाय सोचा है। संघ में जिस प्रकार उसके कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, भाजपा भी उसी प्रकार अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देगी। इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक पहले वर्ष में कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय, दूसरे वर्ष में पांच दिवसीय और तीसरे वर्ष में आठ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। इन शिविरों के बाद कार्यकर्ताओं को प्रमाणपत्र भी दिए जाने का कार्यक्रम है। पार्टी ने हाल ही में इसकी शुरुआत भी कर दी। पार्टी मुख्यालय के पिछले दिनों युवा सांसदों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इंदौर अधिवेशन में इसकी रूपरेखा तय की जाएगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संघ के करीबी माने जाने वाले और भाजपा छोड़कर गए नेताओं की वापसी का भी अधिवेशन में आह्वान हो सकता है।
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