जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में जोड़े गए चार नए समुदायों को 10 फीसदी आरक्षण देने को मंजूरी दी है जिससे केंद्र शासित प्रदेश में इस श्रेणी के लिए कुल आरक्षण बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है।
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एक आधिकारिक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि प्रशासन ने 15 नयी जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में जोड़ने तथा ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने को भी स्वीकृति दे दी है।
संसद ने फरवरी में स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण देने वाले तथा चार और समुदायों - गद्दा ब्राह्मण, कोली, पद्दारी जनजाति और पहाड़ी जातीय समूह को जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने वाले दो विधेयक पारित किए थे।
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘चार नयी जनजातियों - पहाड़ी जातीय समूह, पद्दारी जनजाति, कोली और गद्दा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के मद्देनजर प्रशासनिक परिषद ने नए समुदायों के पक्ष में 10 प्रतिशत आरक्षण की स्वीकृति दी है जिससे एसटी के लिए कुल आरक्षण बढ़कर 20 फीसदी हो गया है।’’
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में यहां प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस संबंध में मंजूरी दी गयी।
प्रशासनिक परिषद ने पहले से अधिसूचित जनजातियों और श्रेणी में जोड़ी गयी नयी जनजातियों को समान तथा अलग-अलग आरक्षण के लाभ सुनिश्चित करने के लिए उन्हें 10-10 प्रतिशत आरक्षण देने की मंजूरी दी है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासनिक परिषद ने 15 नयी जातियों को ओबीसी में शामिल करने तथा ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने की भी स्वीकृति दी है।
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