Electoral Bond Scheme : शाह बोले- चुनावी बॉण्ड का तलाशना होगा विकल्प

Last Updated 28 May 2024 12:47:42 PM IST

Electoral Bond Scheme : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का मानना है कि चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के फैसले के बाद इस लोकसभा चुनाव में काले धन का प्रभाव बढ़ेगा।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

उन्होंने कहा कि संसद को इसके विकल्प पर फैसला लेना होगा। शाह ने कहा कि अगर काले धन का प्रभाव बढ़ता है तो विकल्प तलाशा जाना चाहिए। उन्होंने शनिवार को कहा कि दानदाताओं को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई - SBI) से बॉण्ड खरीदकर बिना पहचान जाहिर किए राजनीतिक दलों को चंदा देने की अनुमति देने वाली योजना को महत्वपूर्ण समय में रद्द किया गया।

उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा से एक महीने पहले फरवरी में योजना को निरस्त कर दिया था। इस मुद्दे पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है और मेरा अनुमान है कि इससे चुनाव और राजनीति में काले धन का प्रभाव बढ़ेगा।

जब राजनीतिक दल इस वित्तीय वर्ष का हिसाब-किताब जमा करेंगे तो पता चल जाएगा कि कितना पैसा नकद चंदा है और कितना चेक से दिया गया है। बॉण्ड योजना के समय चेक से दान का आंकड़ा 96 प्रतिशत तक पहुंच गया था।’

शाह ने कहा, ‘अब आपको पता चलेगा। अगर काले धन का प्रभाव बढ़ता है तो एक विकल्प तलाशा जाना चाहिए। संसद में चर्चा होनी चाहिए।’ जब गृह मंत्री से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि चुनावी बॉण्ड योजना खत्म होने से इस चुनाव में काले धन का प्रभाव बढ़ेगा तो उन्होंने कहा, ‘मेरा ऐसा अनुमान है।’ जब उनसे बॉण्ड योजना के विकल्प के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों समेत सभी हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। शाह ने कहा, ‘इस पर संसद में चर्चा करनी होगी। हमें सभी दलों से विचार-विमर्श करना होगा।

उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद से उसका रुख भी बहुत महत्वपूर्ण है। अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से भी परामर्श लेना होगा। तो हमें सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करना होगा और नए विकल्प पर निर्णय लेना होगा।’

उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना को निरस्त करते हुए कहा था कि यह सूचना के अधिकार और संविधान के तहत बोलने एवं अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन करती है। शीर्ष अदालत ने चंदा देने वाले सभी लोगों और राशि पाने वाले सभी दलों के नाम भी सार्वजनिक करने को कहा था। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा है कि योजना का उद्देश्य राजनीति में काले धन के प्रभाव को कम करना था।

भाषा
नई दिल्ली


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