Lok Sabha Election 2024 : राहुल गांधी पर इस बार एक ही सीट से चुनाव लड़ने का दबाव

Last Updated 02 Mar 2024 10:05:32 AM IST

Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर दबाव पड़ रहा है कि वह इस बार लोकसभा का चुनाव एक ही सीट से लड़ें। यह दबाव विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों का है।


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी

इसमें वामदल ही शामिल नहीं है, अन्य दल भी चाहते हैं कि प्रमुख नेताओं को दो सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

सहयोगी दलों के नेताओं का कहना है कि प्रमुख नेताओं के दो सीट से चुनाव लड़ने से अच्छा संदेश नहीं जाता। कांग्रेस के सहयोगी दलों का कोई प्रमुख नेता इस बार दो सीट से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा। राहुल गांधी ने पिछला लोकसभा चुनाव यूपी में अमेठी और केरल में वायनाड से लड़ा था। अमेठी का चुनाव वह हार गए थे और वायनाड से जीत कर ही वह लोकसभा में पहुंचे थे।

वायनाड में पिछली बार जनजातीय और मुस्लिम मतदाताओं ने राहुल गांधी के पक्ष में अच्छी संख्या में वोट किया था। वाम दलों की मानें तो वायनाड के मुस्लिम अपने जनप्रतिनिधि राहुल गांधी से खुश नहीं हैं। कुछ मतदाताओं को लगता है कि अगर उन्होंने स्थानीय नेता को जनप्रतिनिधि चुना होता तो ज्यादा समय उपलब्ध रहता। वायनाड केरल की सबसे अधिक जनजातीय आबादी  वाला जिला है। यहां की 90 % आबादी गांवों में रहती है, इसलिए विकास की काफी संभावनाएं हैं।

वायनाड  तमिलनाडु और कर्नाटक से भी लगा है, इसलिए कांग्रेस को केरल सीट अपने नेता राहुल गांधी के लिए कई दृष्टि से अनुकूल लगती है। ये ही वजह है कि केरल इकाई ने वायनाड से राहुल गांधी को ही उम्मीदवार बनाने की मांग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने रखी है।

हालांकि राहुल गांधी ने अभी तक इस बात के संकेत नहीं दिए हैं कि वह किस राज्य से और किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। सहयोगी दलों का उन पर दबाव है कि वह यूपी में अमेठी अथवा रायबरेली की अपने परिवार की परंपरागत सीट से ही चुनाव लड़ें। यूपी में कांग्रेस जिस सपा के साथ समझौता करके 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उसका भी ये ही आग्रह है कि राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ना चाहिए।

सपा को लगता है कि अगर राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा तो वह चुनाव में प्रचार के लिए यूपी को ज्यादा समय भी देंगे। हालांकि राहुल गांधी पर दबाव बनाने के लिए सहयोगी दल यह कह रहे हैं कि यूपी में लोकसभा की सबसे अधिक सीटें हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहीं से चुनाव लड़ते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूछने पर कहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक हैं, इसलिए पार्टी ने उन पर ही छोड़ा हुआ है कि वह कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल चुनौती से घबराने वाले नेता नहीं हैं, इसलिए वह विपक्ष और पार्टी की जरूरत के हिसाब से सीट का चयन करेंगे।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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