Farmers Protest: किसानों को रोकने के लिए दिल्ली के बॉर्डर की 'किलेबंदी', सिंघु-टिकरी पर बैरिकेडिंग, यातायात पाबंदियां लागू
राष्ट्रीय राजधानी में 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है तथा यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं।
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वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं की कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गयी है।
#WATCH 13 फरवरी को किसानों के 'दिल्ली-चलो' विरोध प्रदर्शन से पहले टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की गई है। pic.twitter.com/Lbh1VYWPS3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसान संघों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के सिलसिले में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। किसान 2021 में अपना आंदोलन वापस लेने के लिए जिन शर्तों पर राजी हुए थे उनमें से एक एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाना थी।
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रविवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती शहर की सीमाओं का दौरा किया।
यहां जारी एक परामर्श के अनुसार, सोमवार से सिंघू सीमा पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए यातायात पाबंदियां लागू की गयी हैं। मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदियां लागू होंगी।
विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया है।
#WATCH 13 फरवरी को किसानों के 'दिल्ली-चलो' विरोध प्रदर्शन से पहले गाज़ीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। pic.twitter.com/2acZslLkEH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
अधिकारियों ने बताया कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई सुरक्षा अवरोधक लगाए गए हैं। सड़कों पर कंटीले अवरोधक बिछाए गए हैं ताकि अगर प्रदर्शनकारी किसान वाहनों पर सवार होकर शहर में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उनके वाहनों के टायर पंक्चर हो जाए।
इस बीच, उत्तरपूर्वी दिल्ली में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 144 लागू की गयी है।
किसानों के विरोध प्रदर्शन से पहले हरियाणा में भारी सुरक्षा, यातायात में बड़े पैमाने पर बदलाव
13 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के विरोध मार्च से पहले हरियाणा में प्रवेश बिंदुओं पर भारी सुरक्षा व्यवस्था और यातायात परिवर्तन ने सोमवार को यात्रियों की आवाजाही को बुरी तरह प्रभावित किया।
लगभग सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों पर पुलिस की तैनाती के बीच, यात्रियों ने अपनी आगे की यात्रा के लिए हरियाणा में प्रवेश करने के लिए गाँव के मार्गों को चुना।
यहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हरियाणा में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
बैरिकेड्स, बोल्डर, रेत से भरे टिप्पर और कंटीले तारों और लोहे की कीलें लगाकर पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील करने से भारी ट्रैफिक जाम के साथ वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है.
पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में 60 दिनों के लिए शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है।
2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन वापस लेने पर सहमति के बाद से यह किसानों द्वारा किया गया दूसरा सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, कृषि ऋण माफी और पुलिस मामलों को वापस लेने के अलावा, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की भी मांग कर रहे हैं।
हरियाणा के अंबाला, जिंद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में स्थानीय अधिकारियों ने पंजाब की सीमाओं पर लगभग सभी प्रवेश बिंदुओं को बड़ी कंक्रीट की दीवारें खड़ी करके सील कर दिया है।
कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए 13 फरवरी को अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में रात 11.59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।
सरकार ने यात्रियों को दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग न लेने की सलाह दी है।
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