I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक से क्यों बौखलाए, सुशील मोदी ?
दिल्ली में बुधवार को I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर होनी है।
I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक पर क्यों बौखलाए सुशील मोदी |
बैठक में कुछ विशेष मुद्दों पर ना सिर्फ चर्चा होनी है बल्कि उन पर एक आम सहमति बन जाने की भी संभावना है। उधर इस बैठक को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन के नेता कितने गंभीर हैं, इसका तो पता नहीं, लेकिन भाजपा कुछ ज्यादा चिंतित है। बिहार भाजपा के कदावर नेता और राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने बैठक से पहले ही घोषणा कर दी है की उसमें क्या होने वाला है। ऐसा माना जा रहा है कि I.N.D.I.A की को-ऑर्डिनेशन कमिटी में शामिल सभी नेता अपने-अपने राज्यों में शीट शेयरिंग फार्मूले का एक खाका तैयार करके ले गए हैं ,जिस पर चर्चा होगी, क्योंकि किसी भी गठबंधन के लिए सबसे बड़ी समस्या शीट शेयरिंग की होती है।
यह समस्या एनडीए गठबंधन में हालांकि कम देखने को मिलेगी। बैठक की सभी पहलुओं पर नजर डालने से पहले यह जान लेते हैं कि आखिर इस बैठक को लेकर बीजेपी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? बिहार के कभी उप मुख्यमंत्री रहे, राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने इस बात की भविष्यवाणी कर दी है कि उस बैठक में क्या-क्या होने वाला है। सुशील मोदी ने कह दिया है कि उस बैठक में I.N.D.I.A गठबंधन के दूल्हे यानी पीएम उम्मीदवार पर बात होगी, शीट शेयरिंग पर चर्चा होगी। साथ ही साथ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर जो ब्यान दिया है, उस पर भी विचार किया जाएगा। सुशील मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, उनकी बातों को तवज्जो दी जाती है, लेकिन इण्डिया गठबंधन की बैठक को लेकर दिए गए, उनके ब्यान पर सियासत शुरू हो गई है। उनसे सवाल पूछा जाने लगा है कि आखिर इण्डिया गठबंधन की बैठक को लेकर वो इतने चिंतित क्यों हैं? क्या बिहार में उन्हें इण्डिया गठबंधन से खतरा महशूश होने लगा है।
क्या उन्हें ऐसा लगने लगा है कि बिहार में बीजेपी, इण्डिया गठबंधन के सामने कुछ ख़ास नहीं कर पाएगी। हालांकि यह तय है कि बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन वैसा नहीं होने जा रहा है जैसा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हुआ था। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का बीजेपी के साथ ना होना। फिलहाल बीजेपी बहुत पहले से यह दावा करती आ रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन बिहार की लगभग 35 सीटों पर जीत दर्ज करेगा, जबकि इंडिया गठबंधन दावा कर रहा है कि वो बिहार की सभी सीटें जीतने जा रहा है। बहरहाल बुधवार को I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल दलों के नेता शीट शेयरिंग का फार्मूला लेकर दिल्ली पहुँच चुके हैं। वैसे को-आर्डिनेशन कमिटी में 14 सदस्य हैं, लेकिन कुछ सदस्य नहीं पहुँच पा रहे हैं।
उनकी जगह या तो उन्ही की पार्टी के किसी अन्य नेता को भेजा गया है या फिर उस पार्टी से कोई भी नहीं आ पाया है। यह सबको पता है कि इस को-आर्डिनेशन कमिटी में जितने भी नेता शामिल हैं, उन्हें कई महत्त्वपूर्ण निर्णयों पर सहमति या असहमति जतानी है, ऐसे में कोई भी दल अपने किसी स्थायी सदस्य की जगह किसी और को भेजना नहीं चाहेगा। फिलहाल इण्डिया गठबंधन की बुधवार की बैठक में सभी दलों के नेता जो अपने-अपने राज्यों का फार्मूला लेकर आए हैं, उन पर एक मौखिक सहमति बन जाने की संभावना है, लेकिन यह तय है बीजेपी जो आरोप लगा रही है कि इस बैठक में संभावित दूल्हे यानि पीएम उम्मीदवार पर भी कुछ बात होगी ,उसका इस बैठक में जिक्र बिलकुल नहीं होगा। संभव है कि इस बैठक में तमिलनाडु के सीएम एम् के स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म को लेकर जो बयान दिया है उस पर कुछ चर्चा हो।
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