असम, नागालैंड और मणिपुर के कुछ क्षेत्रों से AFSPA हटाया
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958 (अफस्पा) को असम, मणिपुर और नागालैंड के कुछ क्षेत्रों से कम करने का फैसला लिया है।
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असम में अफस्पा को 8 जिलों तक सीमित किया गया है, जबकि मणिपुर में 4 थाना क्षेत्रों से अफस्पा हटाया गया है। वहीं नागालैंड में 3 थाना क्षेत्रों से इसे कम किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक बताया है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है और भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम के तहत दशकों बाद अप्रैल 2022 से नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया। वहीं आज एक और महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए इन तीनों राज्यों में फिर से, 01 अप्रैल, 2023 से अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्रों में और कमी की जा रही है।
गृह मंत्रालय ने बताया कि संपूर्ण असम में वर्ष 1990 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना लागू है। मोदी सरकार के अथक प्रयासों से सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के परिणामस्वरूप 01.04.2022 से असम के 9 जिलों तथा एक जिले के एक सब-डिविजन को छोड़कर शेष पूरे असम राज्य से अफस्पा के अन्तर्गत अशांत क्षेत्रों को हटा लिया गया था तथा 01.04.2023 से अशांत क्षेत्रों में और कमी करते हुए इसे मात्र 8 जिलों तक सीमित कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने बताया मणिपुर (इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में अफस्पा के अधीन अशांत क्षेत्र घोषणा वर्ष 2004 से चली आ रही थी। केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को 01.04.2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया गया था और अब दिनांक 01.04.2023 से अफस्पा के अधीन अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 4 अन्य थाना क्षेत्रो से हटाते हुए, कुल 7 जिलों के 19 पुलिस थानों से हटाया जा रहा है।
इसी तरह सम्पूर्ण नागालैण्ड में अशान्त क्षेत्र अधिसूचना वर्ष 1995 से लागू है। एक अधिकारी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से अफस्पा हटाने की सिफारिश को मानते हुए 01.04.2022 से 7 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया गया था और दिनांक 01.04.2023 से अफस्पा के अधीन अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 3 अन्य थाना क्षेत्रो से हटाते हुए कुल 8 जिलों के 18 पुलिस थानों से हटाया जा रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदम से उत्तर-पूर्वी राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विकास में तेजी आयी है। वर्ष 2014 की तुलना में, वर्ष 2022 में उग्रवादी घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है। उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 90 फीसदी और 97 फीसदी की कमी आई है। वहीं कई शांति समझौते के तहत उत्तरपूर्व में वर्ष 2014 से अभी तक लगभग 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है।
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