बैंकों की 2 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से कामकाज पर असर, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बैंक सेवायें प्रभावित

Last Updated 15 Mar 2021 11:40:44 AM IST

बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बैंकों के कामकाज पर हड़ताल का असर दिखा। मध्य प्रदेश में 7,800 बैंक शाखाओं में सोमवार को काम-काज ठप रहा और इससे अलग-अलग बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं।


बैंकों की दो दिन की हड़ताल से कामकाज पर असर

बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने यह जानकारी दी।      

मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के अध्यक्ष एम के शुक्ला ने ’पीटीआई-भाषा’ को बताया, ’सूबे की 7,800 शाखाओं के करीब 32,000 अधिकारी-कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इनमें 12 सरकारी बैंकों और कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के कर्मचारी शामिल हैं।’  उन्होंने बताया कि हड़ताल से इन बैंक शाखाओं में धन जमा करने और निकालने के साथ चेक निपटान, सावधि जमा (एफडी) योजनाओं का नवीनीकरण, सरकारी खजाने से जुड़े काम और अन्य नियमित कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

महाराष्ट्र में बैंक सेवायें प्रभावित, अधिकारी हड़ताल पर

राज्य में बैंकों के 40 हजार के करीब अधिकारी और कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर रहे। 

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (UFBU) के महाराष्ट्र संयोजक देविदास तुल्जापुरकर ने एक वक्तव्य में कहा कि राज्य में 40 हजार के करीब बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। राज्य में बैंकों की करीब दस हजार शाखायें हैं।       

बैंक यूनियनों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुये सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंक ने पहले ही अपने ग्राहकों को इंटरनेट, मोबाइल बैंिकग, एटीएम जैसे डिजिटल चैनल अपनाने के बारे में सूचना दी है। 

यूएफबीयू के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हड़ताल से सोमवार को देशभर में बैंकों में चेक क्लीयरेंस सहित अन्य बैंक सेवाओं पर असर दिखा। सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया गया है। यूएफबीयू ने 15 और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। उसका दावा है कि 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी इस हड़ताल में भाग लेंगे।       

 

यूएफबीयू बैंकों के अधिकारी और कर्मचारियों की नौ यूनियनों का एक संयुक्त मंच है। हालांकि, इस दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की शाखायें रोजमर्रा की तरह काम करती रही। निजी क्षेत्र के बैंक इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं।       

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार के निजीकरण कार्यक्रम के तहत इसकी घोषणा की गई। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। आईडीबीआई बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी बीमा क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच दी गई। इसके अलावा सरकार पिछले चार साल के दौरान 14 बैंकों का आपस में विलय भी कर चुकी है।       

आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम के मुताबिक बैंकों के शाखा स्तर पर चेक क्लीयरेंस और सरकारी लेनदेन पर असर पड़ा है। इसके साथ ही उनहोंने कहा कि मुद्रा बाजार और शेयर बाजार पर भी इसका असर दिख सकता है।       

 

यूएफबीयू के बैनर तले आने वाली बैंक यूनियनों में आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए), आल इंडिया बेंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक एम्पलायीज (एनसीबीई), आल इंडिया बैंक आफीसर्स एसोसियेसन (एआईबीओए) और बैंक एम्पलायीज कन्फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) के साथ ही इंडियन नेशनल बैंक एम्पलायीज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आगर्नाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आगर्नाइजेशन आफ बैंक आफीसर्स (एनओबीओ) शामिल हैं। 
 

भाषा
नई दिल्ली


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