केंद्र सरकार तत्काल कृषि कानूनों को रद्द करे : आप

Last Updated 14 Jan 2021 06:45:09 AM IST

नए कृषि कानूनों पर गतिरोध खत्म करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा समिति गठित किए जाने के अगले दिन आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को मांग की कि केंद्र सरकार इन कानूनों को रद्द करे क्योंकि कोई समिति इन्हें निरस्त नहीं कर सकती है।


आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा (फाइल फोटो)

आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसानों को न्याय देने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति में सभी चार सदस्यों ने पहले इन कानूनों का समर्थन किया है।

प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि इन अधिनियमों को निरस्त किया जाए।

चड्ढा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह (कानून रद्द करने की) शक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास है और कोई भी समिति या पैनल यह काम नहीं कर सकता है।’’

उन्होंने दावा किया कि समिति के सदस्य बीएस मान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विश्वस्त हैं। उन्होंने पहले इन कृषि कानूनों का समर्थन किया था।

प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अबतक सहमति नहीं बन पाई है। वहीं हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 28 नवंबर से धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को रद्द करे।

हालांकि शीर्ष अदालत ने मंगलवार को इन तीन कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है और एक समिति गठित की है।

मगर प्रदर्शनकारी किसान संघों का कहना है कि वे इस समिति को सरकार समर्थक मानते हैं और इसके समक्ष पेश नहीं होंगे।

बहरहाल, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच नौवें दौर की वार्ता 15 जनवरी को है।

चड्ढा ने कहा कि आप मांग करती है कि अगले दौर की वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी सीधे किसानों से बात करें और इन ’किसान विरोधी’ कानूनों को फौरन रद्द करें।

भाषा
नई दिल्ली


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