केंद्रीय मंत्री तोमर ने छात्रों से की कृषि कानूनों के प्रति जागरूकता लाने की अपील

Last Updated 21 Dec 2020 08:07:15 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को छात्र-छात्राओं से केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसानों में जागरूकता लाने की अपील की।


केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

केंद्रीय मंत्री तोमर एक कार्यक्रम के दौरान कृषि विश्वविद्यालों के छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। देश में 74 कृषि विश्वविद्यालयों के 15,000 से ज्यादा विद्यार्थी इस कार्यशाला व संवाद कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े थे। केंद्रीय मंत्री ने कृषि के छात्र-छात्राओं के साथ सीधा संवाद भी किया। इस दौरान असम कृषि वि.वि. की छात्रा रूपशिखा बरूआ ने कहा कि भारत सरकार की नई योजनाओं के बारे में इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें बेहतर जानकारी मिली है। बेंगलुरू में अध्ययनरत बिहार निवासी छात्र प्रियांशु कुमार ने कहा कि वे किसानों को सीधे मार्केट से जोड़ना चाहते हैं।

तोमर ने कहा कि कृषि व गांव भारत की पहचान हैं। उन्होंने कहा, "एक समय था, जब कहा जाता था कि खेती के लिए पानी होना जरूरी है, लेकिन आज परिस्थितियां बदली हैं, अब पानी भले ही कम हो, ज्ञानवान साथ में हो तो सफलता मिल जाती है। ऐसे ही ज्ञानी कृषि विद्यार्थियों के योगदान की खेती को आज सबसे ज्यादा जरूरत है।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों व कृषि के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई, नए कानून भी लाए गए हैं, ताकि खेती के प्रति आकर्षण बढ़े। तोमर ने कहा, "सरकार ने मजबूत प्लेटफार्म दे दिया है, इस पर खड़े होकर कृषि स्नातक देश की तकदीर-तस्वीर बदल सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर पढ़ाई के बाद नौकरी की चाह होती है, लेकिन पढ़े-लिखे युवा अपनी खेती करेंगे, ज्ञान के आधार पर छोटी-मोटी यूनिट्स गांवों में लगाएंगे तो इससे उन्हें अच्छी आय तो होगी ही, देश के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का सामना करने में भी सफल हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, "विद्यार्थियों के पास ज्ञान है, अवसर है, उत्साह है, ऊर्जा है, उम्र है, जिससे वे खेती में ज्यादा सफल हो सकते हैं। यह संकोच नहीं करें कि लोग क्या कहेंगे। युवा भारत हमारे देश की बहुत बड़ी ताकत है, जो आत्मनिर्भर भारत बनाने में भागीदारी कर सकता है, देश का सुखद कल बनाने में योगदान दे सकता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था- प्रत्येक कार्य को तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है- उपहास, विरोध तथा उसके बाद स्वीकृति। परिश्रम के साथ शांतमन से संकल्पित होकर कार्य करेंगे तो विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता मिल जाती है।"

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला, लद्दाख से सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल तथा आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने भी छात्रों को संबोधित किया।

आईएएनएस
दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment