संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से, दिल्ली हिंसा पर केंद्र को घेरेगा विपक्ष
संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग आज से शुरू हो रहा है। सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब दिल्ली में हिंसा हुई है। हालांकि, दिल्ली में स्थिति तो सामान्य होने लगी है, लेकिन संसद सत्र को लेकर राजनीति गरमाने लगी है।
संसद (फाइल फोटो) |
एक ओर विपक्षी दल जहां एकजुट होकर दिल्ली हिंसा और अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की फिराक में है, वहीं सत्ताधारी भाजपा की तरफ से विपक्ष को जवाब देने की तैयारी कर ली गई है। विपक्ष की तरफ से साफ संकेत दिया गया है कि सत्र के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की जाएगी।
दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस ने लोकसभा में की चर्चा की मांग
कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा को लेकर लोकसभा में इस बाबत चर्चा की मांग की है। पार्टी ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर नोटिस दिया है। वहीं, सरकार का कहना है कि वह नियमानुसार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दिल्ली में हुए दंगों पर चर्चा के लिए सदन की सभी कार्यवाही को निलंबित करने का नोटिस दिया है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विवादित कर के समाधान के लिए विचार करने और पारित करने के लिए 'डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास विधेयक, 2020' लेकर आ रही हैं।
वहीं, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम 1971 में संशोधन करने के लिए केंद्र मंत्री हर्षवर्धन मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) बिल 2020 को लोकसभा में पेश करेंगे।
दिल्ली हिंसा पर विपक्षी दलों ने की राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग
दिल्ली हिंसा के मुद्दे को विपक्षी दलों ने राज्यसभा में जोरशोर से उठाने की तैयारी कर ली है।
माकपा और आप के सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिल्ली के दंगों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है। इस मुद्दे पर माकपा के के.के रागेश, टीके रंगराजन और आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
रागेश द्वारा राज्यसभा सचिवालय को भेजे नोटिस में सोमवार को सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिल्ली दंगों के मुद्दे पर सभापति से चर्चा कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों में 42 निर्दोष लोगों की जान चली गई और लगभग 200 लोग घायल हुए। इसे जनहित से जुड़ा गम्भीर विषय बताते हुए तीनों सदस्यों ने इस पर चर्चा कराने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राजद सहित अन्य दलों के सदस्यों ने भी रविवार को कहा था कि वे इस मुद्दे को संसद में जोरशोर से उठाएंगे। इसके मद्देनज़र संसद के दोनों सदनों की बैठक हंगामेदार रहने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फ़रवरी तक चलने के बाद दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा।
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