आईएसआई व पीएफआई भी एसआईटी के रडार पर
दिल्ली दंगे की जांच कर रही एसआईटी ने पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई व पूर्व में दंगे में शामिल रहे पीएफआई की भूमिका को भी जांच के दायरे में रखा है।
आईएसआई व पीएफआई भी एसआईटी के रडार पर |
आशंका व्यक्त की गई है कि दंगों को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया। पुलिस का कहना है कि जिस तरह से उपद्रवियों ने हिंसा का रास्ता अपनाया, उससे इसके पीछे किसी बड़े संगठन का हाथ होने की आशंका है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नामक संगठन की भूमिका शाहीन बाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर भी सामने आई थी। दावा यह किया गया कि इस संगठन ने धरने के लिए आईएसआई के कहने पर फंड खर्च किया। इससे पहले यूपी में हुई हिंसा में भी इसी संगठन का हाथ सामने आया था। सूत्रों का कहना है मामले की प्रारंभिक जांच से पता चल रहा है कि सब कुछ सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। इसके लिए साजिश रची गई। पुलिस की रडार पर संदिग्ध लोगों के मोबाइल फोन नंबर समेत कई सौ सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी हैं। एसआईटी की प्रारभिंक जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि करीब 50 से 50 ऐसे व्हाट्सग्रुप बनाए गए थे, जिनके जरिए धार्मिंंक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले मैसेज सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल किए गए।
पुलिस ने दंगे को आतंकी साजिश होने से भी इनकार नहीं किया है। आशंका है कि इसके लिए स्लीपर सेल और लोकल गुर्गों की भी मदद ली गई। दंगे में 9 एमएम पिस्टल के इस्तेमाल होने पर यह भी आशंका है कि राजधानी व सीमावर्ती इलाकों के कई छोटे-बड़े गैंग दंगे में शरीक हुए। सूत्रों ने दावा किया कि क्राइम ब्रांच व लोकल पुलिस अभी तक दो सौ से ज्यादा लोगों के बयान ले चुकी है। इनमें दंगा पीड़ितों से लेकर चश्मदीद व पकड़े गए आरोपी आदि शामिल हैं। पुलिस का कहना है मामले में कम से कम एक हजार या इससे अधिक लोगों के बयान दर्ज होंगे, इसके बाद सभी कड़ियों को एक दूसरे से जोड़कर मामले की जांच की जाएगी।
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