प्लास्टिक को समाप्त करें देश से : मोदी
पर्यावरण को हो रहे भारी नुकसान के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार ही इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक को समाप्त करने पर जोर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो) |
मोदी ने आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में आज कहा कि पिछले कुछ सालों से दो अक्टूबर से पहले लगभग दो सप्ताह तक देशभर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान चलाया जाता है। इस बार यह 11 सितम्बर से शुरू होगा। इस दौरान लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर श्रमदान के जरिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कार्यांजलि देंगे। घर हो या गलियां, चौक-चौराहे हो या नालियां, स्कूल, कॉलेज से लेकर सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता का महा अभियान चलाना है। इस बार प्लास्टिक पर विशेष जोर देना है। इस बार दो अक्टूबर को जब बापू की 150वीं जयंती मनायेंगे तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ नए जनआंदोलन की नींव रखेंगे।
मोदी ने आज कहा कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और चुस्त -दुरुस्त रखने के लिए इस वर्ष 29 अगस्त को राष्ट्र खेल दिवस के अवसर पर ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ शुरु किया जाएगा। खुद को फिट रखना है। देश को फिट बनाना है। हर एक के लिए बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिला सब के लिए ये बड़ा रोचक अभियान होगा और ये आपका अपना होगा। मोदी ने बाघों को वनों का संरक्षक बताते हुए कहा कि भारत ने नौ वर्षों में बाघों की संख्या दोगुनी करने में सफलता पायी है और इस समय 2967 बाघ हो गये हैं। मोदी ने कहा, मैंने पहले भी कहा है, मैं जरूर कहता हूं आपको। अपने जीवन में पूर्वोत्तर जरूर जाइये। क्या प्रकृति है वहां।
आप देखते ही रह जाएंगे। आपके भीतर का विस्तार हो जाएगा। हिंदुस्तान के भीतर ही ऐसे स्थान हैं जहां से आप नई स्फूर्ति, नया उत्साह, नया उमंग, नई प्रेरणा ले करके आएंगें और हो सकता है कुछ स्थानों पर तो बार-बार जाने का मन आपको भी होगा, आपके परिवार को भी होगा।
मोदी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ी किसी न किसी एक जगह की यात्रा जरूर करें। आजादी के आंदोलन में ‘नमक सत्याग्रह’, दांडी, एक बहुत ही बड़ा महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी बिन्दु है। दांडी में उन्होंने महात्मा गांधी को समर्पित अति-आधुनिक एक संग्रहालय का उद्घाटन किया था। यात्रा करने वाले स्थानों में पोरबंदर, साबरमती आश्रम, चंपारण, वर्धा का आश्रम और दिल्ली में महात्मा गांधी से जुड़े हुए स्थान हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अगले माह पोषण अभियान में भाग लें और हर देशवासी कम से कम एक कुपोषित व्यक्ति को कुपोषण से बाहर निकालने में योगदान करें। मोदी ने संस्कृत के सुभाषितों में से एक को उद्धृत किया, पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि, जलमन्नं सुभाषितम मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा प्रदीयते। यानी पृथ्वी में जल, अन्न और सुभाषित, ये तीन रत्न हैं। पर मूर्ख लोग पत्थरों को रत्न कहते हैं। हमारी संस्कृति में अन्न की बहुत अधिक महिमा रही है। यहां तक कि हमने अन्न के ज्ञान को भी विज्ञान में बदल दिया है।
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