सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक होंगे लोकसभा चुनाव

Last Updated 10 Mar 2019 06:26:50 PM IST

चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा का चुनाव सात चरण में, 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराने का फैसला किया है। सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी।


मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुये बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिये 11 अप्रैल को होने वाले मतदान की अधिसूचना 18 मार्च को जारी की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था।       

अरोड़ा ने बताया कि आम चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। अरोड़ा ने चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल, तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल, चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल, पांचवें चरण का मतदान छह मई, छठवें चरण का मतदान 12 मई और सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा। 

अरोड़ा ने बताया कि 23 मई को मतगणना के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित होगा। समूची चुनाव प्रक्रिया 27 मई को सम्पन्न करने का लक्ष्य तय किया गया है।

श्री अरोड़ा ने बताया कि पिछली बार नौ चरणों में लोकसभा चुनाव कराये गये थे, लेकिन इस बार सात चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि चुनाव की तारीखें तय करते समय राज्य शिक्षा बोर्डो, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, स्थानीय त्योहारों, स्थानीय धार्मिक उपवास दिनों के साथ ही फसलों की कटाई के मौसम तथा मौसम विभाग के पूर्वानुमान को भी ध्यान में रखा गया है।

पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों, दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 सीटों, तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों, चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 सीटों, पाँचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों, छठे चरण में सात राज्यों की 59 सीटों और सातवें चरण में सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होंगे।



इस बार सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जायेगा। ईवीएम मशीनों पर प्रत्याशियों के चुनाव च्रिन और नाम के साथ उनके फोटो भी होंगे ताकि मतदाताओं को आसानी हो। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए एक एंड्रॉयड मोबाइल ऐप जारी किया जायेगा।

इस बार सोशल मीडिया के जरिये चुनाव प्रचार को भी आचार संहिता के दायरे में लाया गया है। सोशल मीडिया पर प्रचार सामग्री डालने से पहले पूर्व प्रमाणन अनिवार्य किया गया है। फेसबुक, ट्विटर, गुगल और यू-ट्यूब ने लिखित आश्वासन दिया है कि वे बिना प्रमाणन के प्रचार सामग्री को उनके मंच के माध्यम से प्रसारित नहीं होने देंगे और किसी भी आपत्तिजनक सामग्री पर तुरंत कार्रवाई करेंगे।

भाषा
नयी दिल्ली


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