भारत चंद्रयान-2 के जरिए चांद पर मौजूदगी दर्ज कराएगा : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि भारत जल्द ही चंद्रयान-2 अभियान के जरिए चांद पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने जानमाल की रक्षा में और सरकारी योजनाओं की आपूर्ति में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, "हमने एक ही अंतरिक्ष यान से एक साथ 104 उपग्रह लॉन्च करने का विश्व कीर्तिमान भी बनाया है। हम जल्द ही चंद्रयान-2 अभियान के माध्यम से चांद पर भारत की मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं।"
उन्होंने कहा कि भारतीय उपग्रह देश की बढ़ती शक्ति का प्रतीक हैं और यह अन्य देशों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, "दुनिया के कई देशों के साथ हमारे बेहतर संबंधों में इसका बड़ा योगदान है। 'साउथ एशिया सैटेलाइट' तो एक अनूठी पहल रही है, जिसने हमारे पड़ोसी मित्र राष्ट्रों को भी विकास का उपहार दिया है।"
उन्होंने कहा, "अपनी बेहद प्रतिस्पर्धी प्रक्षेपण सेवाओं के माध्यम से भारत आज न केवल विकासशील देशों के, बल्कि विकसित देशों के उपग्रहों को भी लॉन्च करता है।"
मोदी ने कहा कि सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं की आपूर्ति और जवाबदेही को और बेहतर करने के लिए कर रही है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 'सबके लिए घर' योजना में 23 राज्यों के करीब 40 लाख घरों को जिओ-टैग किया गया है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत करीब साढ़े तीन करोड़ संपत्तियों को भी जिओ-टैग किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मछुआरे भाइयों के बीच नाविक उपकरण बांटे हैं, जो उनकी सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक तरक्की में भी सहायक है।
जानमाल की रक्षा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "चाहे चक्रवाती तूफान हो या फिर रेल और सड़क सुरक्षा, इन सब में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से काफी सहायता मिल रही है।"
मोदी ने यह भी कहा कि देश की आजाद के बाद से लेकर 2014 तक जितने सफल अंतरिक्ष अभियान हुए हैं, लगभग उतने ही सफल अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत बीते चार वर्षो में हुई है।
प्रधानमंत्री ने विक्रम साराभाई को याद करते हुए कहा कि उनका भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा, "हमारे अंतरिक्ष अभियान में देश के असंख्य युवा वैज्ञानिकों का योगदान है। बच्चों के लिए आसमान और सितारे हमेशा बड़े आकर्षक होते हैं। हमारा अंतरिक्ष अभियान बच्चों को बड़ा सोचने और उन सीमाओं से आगे बढ़ने का अवसर देता है, जो अब तक असंभव माने जाते थे।"
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