किम ने कहा, प्रतिद्वंद्वी देशों की साजिशों को नाकाम करने के लिए हमेशा तैयार रहें
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी सेना से ‘‘देश पर आक्रमण होने की स्थिति में प्रतिद्वंद्वी देशों की साजिशों’’ को नाकाम करने के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा है। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन (फाइल फोटो) |
किम का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते परमाणु खतरों से निपटने के लिए त्रिपक्षीय नौसैन्य अभ्यास किया। इसके अलावा, अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाएं पिछले सप्ताह से ग्रीष्मकालीन द्विपक्षीय अभ्यास कर रही हैं।
उत्तर कोरिया अमेरिका की संलिप्तता वाले इस प्रशिक्षण को आक्रमण का अभ्यास करार देता रहा है, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगियों का कहना है कि इन अभ्यासों की प्रकृति रक्षात्मक है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ के अनुसार, किम ने सोमवार को देश के नौसैन्य दिवस पर कहा कि अमेरिकी नेतृत्व वाली शत्रुता के कारण कोरियाई प्रायद्वीप का जल क्षेत्र ‘‘परमाणु युद्ध के खतरे के कारण’’ अस्थिर हो गया है।
किम ने अमेरिका के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अभ्यास करने, कोरियाई प्रायद्वीप के पास जलक्षेत्र में अधिक शक्तिशाली अमेरिकी हथियार उपकरणों की तैनाती और हालिया अमेरिका-दक्षिण कोरिया-जापान शिखर सम्मेलन का जिक्र किया। इस सम्मेलन में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम से निपटने के लिए रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर समझौता किया गया।
किम ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को तीन देशों के ‘‘गिरोह आका’’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थिति में हमारी नौसेना को युद्ध होने की स्थिति में पूरी तरह तैयार रहने के लिए अपने सभी प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि निरंतर सतर्कता बरकरार रखी जा सके और किसी भी आकस्मिक स्थिति में युद्ध को लेकर दुश्मन के मनोबल को तोड़ने के लिए तैयार रहा जा सके।’’
दक्षिण कोरिया की नौसेना ने एक बयान में बताया कि दक्षिणी जेजू द्वीप के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में मंगलवार को दक्षिण कोरियाई-अमेरिकी-जापानी अभ्यास में तीनों देशों के नौसैन्य विध्वंसक शामिल हुए। उसने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य भविष्य में उत्तर कोरियाई मिसाइलों का पता लगाने, उन पर नजर रखने और जानकारी साझा करने की प्रक्रियाओं का अभ्यास करना था।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच 11 दिवसीय द्विपक्षीय अभ्यास 21 अगस्त से शुरू हुआ था।
उत्तर कोरिया अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यासों के जवाब में स्वयं मिसाइल परीक्षण करता रहा है। अंतरिक्ष में एक जासूसी उपग्रह का उसका प्रक्षेपण पिछले बृहस्पतिवार को असफल रहा था।
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