श्रीलंका की GDP में 4.3 प्रतिशत की गिरावट रहेगी : World Bank

Last Updated 05 Apr 2023 07:19:25 PM IST

World Bank ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की GDP में इस साल 4.3 प्रतिशत की गिरावट की आशंका जताई है। वैश्विक संस्था ने अपनी अपडेट रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका में मांग कम बनी हुई है, रोजगार और आय में गिरावट आई है तथा आपूर्ति में आ रही बाधा से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।


श्रीलंका की GDP में 4.3 प्रतिशत की गिरावट रहेगी : World Bank

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्रीलंका के मौद्रिक, विदेशी और वित्तीय असंतुलन तथा अस्थिर राजनीतिक स्थिति के कारण देश की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी हुई है। विश्व बैंक ने आर्थिक संकट के मूल कारणों को दूर करने और भविष्य में ऐसे संकटों से बचने के लिए मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण पर जोर दिया है।

मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के विश्व बैंक प्रतिनिधि फारिस एच. हदाद-जेर्वोस ने कहा, श्रीलंका पर आर्थिक संकट का गहरा असर पड़ा है। पांच लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं और वर्ष 2021 और 2022 में 27 लाख नए लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं।

उन्होंने कहा, लंबे आर्थिक संकट के प्रभावों के साथ ही ऋण पुनर्गठन में सुस्ती, विदेशों से सीमित वित्तीय मदद और वैश्विक अनिश्चितता के कारण देश के आर्थिक विकास के लिए काफी जोखिम है।

विश्व बैंक का कहना है कि इस साल और आगे आने वाले समय में भी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां बनी रहेंगी। प्रतिकूल विदेशी व्यापार संतुलन से घरेलू व्यापार, आर्थिक गतिविधियां, रोजगार और आय प्रभावित हो सकती है। सरकार के सुधार कार्यक्रमों को मजबूती से लागू करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों से वित्तीय मदद प्राप्त होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा और देश में पूंजी आनी शुरू होगी तथा रोजगार के अवसर फिर बनेंगे।

श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पिछले महीने उसे आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला था जिससे अरबों डॉलर के कर्ज में डूबे देश को जीवनदान मिला।

कोविड-19 महामारी, ईंधनों के बढ़ते दाम, करों में लोक लुभावनी कटौती और 50 फीसदी से ज्यादा की महंगाई दर ने श्रीलंका की कमर तोड़ कर रख दी है। दवाओं, ईंधन और अन्य जरूरी सामग्रियों की कमी से जीवन यापन का खर्च आसमान पर चला गया। परेशान जनता ने सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और पिछले साल गोटाबाया राजपक्षे की सरकार को उखाड़ फेंका।

देश के इतिहास में पहली बार पिछले साल मई में श्रीलंका कर्ज की देनदारी में चूक गया।

आईएएनएस
कोलंबो


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