आसियान से सहयोग बढ़ाएगा भारत

Last Updated 24 Nov 2022 08:49:45 AM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में कुछ गतिविधियों तथा घटनाओं के कारण देशों के बीच परस्पर विश्वास में कमी आने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे क्षेत्र में शांति व स्थिरता प्रभावित हुई है और भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार सभी समुद्री विवादों के समाधान का पक्षधर है।


आसियान से सहयोग बढ़ाएगा भारत

सिंह ने बुधवार को यहां आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की नौवीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सभी देशों की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करते हुए विवादों के बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है। वह हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियमों तथा कानूनों के आधार पर मुक्त, स्वतंत्र और समावेशी व्यवस्था की भी वकालत करता है।

उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेा में कुछ जटिल गतिविधियों और घटनाओं को लेकर चिंतित है क्योंकि इनसे परस्पर विश्वास कम हुआ है और इससे क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता प्रभावित हुई है। भारत नौवहन की स्वतंत्रता, निर्बाध कानूनी व्यापार, समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुपालन पर जोर देता है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि दक्षिण चीन सागर से संबंधित आचार संहिता अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप होगी और किसी भी देश के उचित अधिकारों तथा  हितों की किसी भी तरीके से उपेक्षा नहीं होगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब दुनिया में कई जगहों पर विध्वंसक राजनीति के कारण टकराव बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण हिन्द प्रशांत जिसके केन्द्र में आसियान हो दुनिया में सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए जरूरी है। बैठक में दस आसियान देशों तथा आठ अन्य सहयोगी देशों की हिस्सेदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंच केवल क्षेीय सुरक्षा नहीं बल्कि दुनिया भर में शांति का वाहक बन सकता है।

सिंह ने कहा कि अभी दुनिया के सामने आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है और इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती क्योंकि हर क्षेत्र इससे प्रभावित है। आतंकवादी संगठनों ने प्रौद्योगिकी के बलबुते गठजोड़ कर लिये हैं और साइबर अपराधों ने भी साइबर हमलों का रूप ले लिया है। सरकारें और उनसे इतर तत्व भी नयी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद आतंकवाद के अलावा ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा जैसी चुनौतियां भी सिर उठा रही हैं।

भारत का मानना है कि क्षेत्रीय सुरक्षा पहल परस्पर विचार विमर्श पर आधारित तथा विकासोन्मुखी होनी चाहिए जिसमें आम सहमति की झलक दिखायी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के साथ साथ क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति वचनबद्ध है।

वार्ता
नोमपेन्ह


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment