पेगासस मामला : इमरान खान को 2019 में भारत ने पर्सन ऑफ इंटरेस्ट चुना : रिपोर्ट

Last Updated 21 Jul 2021 04:49:31 PM IST

लीक हुए पेगासस डेटाबेस से पता चलता है कि 2019 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत द्वारा पर्सन ऑफ इंटरेस्ट (जिस व्यक्ति में रुचि हो) के रूप में चुना गया था।


पेगासस मामला : इमरान खान को 2019 में भारत ने पर्सन ऑफ इंटरेस्ट चुना : रिपोर्ट

 द गार्जियन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। द गार्जियन ने खुलासा किया है कि पेगासस प्रोजेक्ट के केंद्र में लीक हुए डेटाबेस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और 13 अन्य राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के मोबाइल फोन नंबर शामिल हैं।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान को भी डेटा में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें 34 देशों के राजनयिक, सैन्य प्रमुख और वरिष्ठ राजनेता शामिल हैं।

द गार्जियन ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को 2019 में भारत द्वारा पर्सन ऑफ इंटरेस्ट के रूप में चुना गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है, न तो भारत और न ही पाकिस्तान ने इस दावे पर विशेष रूप से टिप्पणी की है कि दिल्ली ने खान को लक्षित करने के लिए चुना है। भारत ने कहा है कि उसके पास अवरोधन के लिए अच्छी तरह से स्थापित प्रोटोकॉल हैं, जिसके लिए केवल राष्ट्रीय हित में स्पष्ट कारणों के लिए उच्च रैंक वाले राष्ट्रीय या क्षेत्रीय अधिकारियों से अनुमोदन की आवश्यकता है।

इजरायली स्पाइवेयर पेगासस की मदद से दुनियाभर के कई नेताओं और पत्रकारों सहित बड़ी हस्तियों के फोन हैक किए जाने को लेकर छिड़ा बवाल भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी तूल पकड़ता जा रहा है।



पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के फोन की हैकिंग की रिपोर्ट सामने आई है, लेकिन इमरान के मंत्री लगातार इस हैकिंग के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फारुख हबीब ने इस हैकिंग में भारत को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि संभवत: इमरान का फोन पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की मदद से हैक करवाया था।

पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री फारुख हबीब ने मंगलवार को अपने राजनीतिक विरोधियों के निजी डेटा को गुप्त रूप से एक्सेस करने में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भूमिका के बारे में संदेह जताते हुए कहा, यह संभावना है कि शरीफ ने नरेंद्र मोदी (भारतीय प्रधानमंत्री) की मदद से इजरायली स्पाइवेयर के माध्यम से (इमरान खान के बारे में) जानकारी प्राप्त की।

हबीब ने कहा कि नवाज शरीफ ने इमरान की जासूसी करने और इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए उनकी निजता भंग करने के लिए भारत के साथ अपने संबंधों को नियोजित किया होगा।

उन्होंने यह भी ककहा कि नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती रही है।

दोनों की दोस्ती के बारे में बात करते हुए हबीब ने कहा कि मोदी पाकिस्तान में नवाज शरीफ के परिवार में एक शादी समारोह में भी रुके थे, जबकि बाद में भारतीय पीएम के उद्घाटन समारोह में वह भी शामिल हुए थे। मंत्री ने कहा, ये लिंक उनके बीच मजबूत संबंध का संकेत देते हैं।

उन्होंने कहा, यह तय है कि नवाज शरीफ ने भी मोदी की मदद से इमरान खान का फोन डेटा हासिल किया था।

वहीं इजरायल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने अपने बयान में कहा है कि लीक हुई सूची एनएसओ के ग्राहकों के लक्ष्यों या संभावित लक्ष्यों की सूची नहीं है।

अपने वकीलों के माध्यम से, एनएसओ ने पहले कहा था कि कंसोर्टियम ने वह गलत धारणा बनाई है, जिसके बारे में ग्राहक कंपनी की तकनीक का उपयोग करते हैं। इसने कहा कि 50,000 संख्या तो अतिशयोक्तिपूर्ण है और सूची पेगासस का उपयोग करने वाली सरकारों द्वारा लक्षित संख्याओं की सूची नहीं हो सकती है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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